जम्मू-कश्मीर: देशद्रोहियों का किया समर्थन तो जाएगी कर्मचारियों की नौकरी

जम्मू-कश्मीर: देशद्रोहियों का किया समर्थन तो जाएगी कर्मचारियों की नौकरी

file photo

कश्मीर। जम्मू कश्मीर सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। संविधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा  बनाने वाले या उनका समर्थन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। जारी किये गए आदेश के अनुसार यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित होते हैं तो उन्हें नौकरी के बर्खास्त किया जाएगा।

आदेश के अनुसार इस तरह के आरोप लगने पर कर्मचारी के प्रमोशन पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी। यदि आरोपों को केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी भी सही मानती है तो कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के आचरण को लेकर पहले से स्पष्ट नियम हैं। जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज (कैरेक्टर एंड एंटीसीडेंट्स) इंस्ट्रक्शंस 1997 और इसमें किए गए संशोधन को चरित्र प्रमाणीकरण के दौरान विशेष ध्यान में रखा जाए।
कर्मचारी के चरित्र पर रिपोर्ट में यदि देश विरोधी गतिविधियाें में शामिल होने, समर्थन करने या फिर संलिप्त तत्व की जानकारी होने के बावजूद सूचना छिपाने की बात आती है तो उसका कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। इसके तहत प्रमोशन रोकने से लेकर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा सकेगी। जासूसी, देश विरोध, आतंकवाद, विदेशी हस्तक्षेप में मदद करना, हिंसा भड़काना अथवा अन्य असांविधानिक कृत्य उक्त गतिविधि में शामिल तत्व के प्रति सहानुभूति रखना, उससे सहयोग या उसकी मदद करना परिवार के किसी सदस्य का संलिप्त होना, घर में रह रहे किसी शख्स का देश विरोध में शामिल होना है।
रिश्तेदार, किराएदार, मकान मालिक की आपत्तिजनक गतिविधि में संलिप्तता की जानकारी होने के बावजूद सूचना न देना भी शामिल किया गया है।  बता दें कि कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद वहां की केंद्र शासित सरकार कई निर्णय ली जिससे आतंकी गतिवितियों पर लगाम लगाया जा सके।

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