पहलगाम में हुए भयावह इस्लामी आतंकी हमले के बाद जम्मू और कश्मीर विधानसभा ने सोमवार (28 अप्रैल) को एक विशेष सत्र आयोजित किया, जिसमें घटना की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई। इस हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
यह विशेष सत्र सुबह 10:30 बजे विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठर के नेतृत्व में आयोजित हुआ। सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा, “यह सदन इस जघन्य, कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करता है और सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
सरकार ने इस आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान के 16 मीडिया यूट्यूब चैनलों, जिनमें डॉन न्यूज़, जिओ न्यूज़, एआरवाई न्यूज़ और समा टीवी जैसे बड़े मीडिया संस्थान शामिल हैं, पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर लिए गए इस फैसले के तहत इन चैनलों पर भारत और उसकी सेना के खिलाफ भ्रामक और उकसावे वाली सामग्री फैलाने का आरोप है। सरकार ने साथ ही बीबीसी की उस रिपोर्ट पर भी आपत्ति जताई है, जिसमें आतंकियों को ‘उग्रवादी’ कहा गया था, और चेतावनी दी है कि इस तरह की रिपोर्टिंग पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
इसी बीच, सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की गूंज सुनाई दी। अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और “जिम्मेदार समाधान” की तलाश करने की अपील की। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “यह एक विकसित हो रही स्थिति है और हम घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं।”
पहलगाम हमले के बाद उठाए गए ये सख्त कदम साफ दिखाते हैं कि भारत अब आतंक और दुष्प्रचार के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है।
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