जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश (सीजीआई ) बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें बुधवार को शपथ दिलाई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की जगह ली। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसला सूना चुके हैं.जिसमें अयोध्या का राम जन्मभूमि विवाद प्रमुख है। बता दें कि जस्टिस यूयू ललित का 74 दिनों का छोटा कार्यकाल आठ नवंबर को खत्म हो गया। जिसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ को सीजीआई बनाया गया। जस्टिस चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 10 नवंबर 2024 तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।
बताते चले कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने पिता के ही दो फैसलों को बदल चुके हैं। जिसमें अयोध्या जन्म भूमि विवाद,राइट टू प्राइवेसी,धारा 377 के समलैंगिग संबंधो को अपराध श्रेणी से बाहर करना, सबरीमाला का विवाद , सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में भी महिला को अधिकारियों को स्थायी रूप से कमीशन देने इसके अलावा आधार योजना को वैधता करना जैसे कई अहम फैसले में शामिल रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवबंर 1959 को हुआ था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के पूर्व सीजीआई वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के सबसे लंबे कार्यकाल वाले चीफ जस्टिस हैं। वे सात साल साल चार माह तक सीजीआई के पद पर रहे। वे भारत के 16 वें मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को 29 मार्च को मुंबई हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था। इसके अलावा उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य जस्टिस नियुक्त किया गया था। इसके बाद 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ दिल्ली के सेंत स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स किया है। इसके बाद उन्होंने कैम्पस लॉ सेंटर दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की। इसके बाद उन्हों अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञानं में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को मेहनती जज के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने पिछले जन्मदिन पर कई घंटों तक काम करते रहे।
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