उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुमे का मौके पर हुए हंगामे और हिंसक झड़प को लेकर एसआईटी ने मंगलवार को कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। यह घटना 3 जून को हुई थी। बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद सुनियोजित दंग से इस घटना को अंजाम दिया गया था। एसआईटी ने केस डायरी में कहा है कि अराजकता फैलाने के लिए उपद्रवियों को प्रशिक्षण दिया गया था साथ उन्हें पैसे भी बांटे गए थे। केस डायरी लोक अभियोजक दिनेश अग्रवाल ने कोर्ट में दाखिल की।
गौरतलब है कि पिछले महीने कानपुर में पथराव के बाद जमकर हिंसक झड़पें हुईं थी। एक स्थानीय संगठन ने परेड मार्केट में दुकानें बंद करने की अपील की थी। जो शहर के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक है। एसआईटी की जांच के अनुसार उपद्रवियों को हिंसा फैलाने के लिए पैसे दिए गए थे। एसआईटी ने अपनी जांच में आगे कहा है कि घटना के दौरान पथराव करने वालों को कथित तौर पर पांच सौ से एक हजार रुपये दिए गए थे। इस दौरान उपद्रवियों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया था, जिसके लिए उन्हें 5,000 रुपये का भुगतान किया गया था।
वहीं, एसआईटी ने यह भी कहा गया है कि इन उपद्रवियों के पकड़े जाने पर मुफ्त कानूनी मदद का आश्वासन दिया गया था। साथ ही उपद्रवियों को हंगामे और पत्थरबाजी करने के लिए सात से नौ दिन का प्रशिक्षण दिया गया था। इस मामले में राज्य की योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।
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