कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर श्रीरंगपटना में सरकारी संपत्तियों के लिए इसी तरह का चौंकाने वाला दावा किया गया है, स्टार ऑफ मैसूर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है की श्रीरंगपटना तहसील में 70 से अधिक संपत्तियों को वक्फ बोर्ड के संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है, जिनमें सरकारी जमीनें, टीपू शस्त्रागार ऐतिहासिक स्मारक के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और राज्य पुरातत्व, संग्रहालय और विरासत विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इमारतें भी शामिल हैं।
पुरातत्व, संग्रहालय और विरासत विभाग की इमारत ‘श्रीरंगपटना में श्री चामराजेंद्र मेमोरियल सरकारी संग्रहालय’ को भी वक्फ संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसके अलावा, श्रीरंगपटना शहर और तहसील में किसानों की कई जमीनों को भी कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिससे श्रीरंगपटना के किसानों में चिंता और भय का वातावरण है। वक्फ बोर्ड ने महादेवपुरा गांव में चिक्कम्मा चिक्कादेवी मंदिर, चंदागलू गांव में एक सरकारी स्कूल पर भी दावा ठोका है,जिसके बाद कर्नाटका वक्फ बोर्ड को गंभीर समस्या के रूप में देखा जा रहा है।
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बता दें की यह विरासत स्थलों और सरकारी जमीनों पर दावे कर्नाटक के विजयपुरा में किसानों की जमींन पर दावा करने वाली नोटिस भेजने के कुछ महीने बाद किए गए हैं। नोटिस के जरिए विजयपुरा के टिकोटा तहसील के होनवाड़ा गांव में 1,200 एकड़ जमीन पर दावा किया गया था। वहीं किसानों का दावा है कि अधिकारी इस क्षेत्र को शाह अमीनुद्दीन दरगाह, एक धार्मिक संस्थान के रूप में नामित करने का प्रयास कर रहे हैं।