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काशी विश्वनाथ मंदिर केस: सर्वोच्च न्यायलय ने मुस्लिम पक्ष से २ हफ्तों में मांगा जवाब !

मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर कहा की, हमने पहले भी दलील में कहा कि इस तरह की याचिकाएं प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट लागू होने के कारण सुनी नहीं जा सकती।

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शुक्रवार (22 नवंबर) ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का ASI सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्तों में जवाब मांगा है। हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में ASI सर्वे कराने को लेकर यह याचिका लगाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी केस को लेकर वाराणसी की निचली अदालत में चल रहे सभी 15 मुकदमों को हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की हिंदू पक्ष की मांग पर सुनवाई जारी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच के सामने हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि, कुछ याचिकाएं जिला न्यायलय के सामने हैं तो कुछ सिविल न्यायलय के सामने, ऐसे में एक ही मामले पर अलग-अलग कोर्टों से अलग-अलग आदेश आ रहे हैं। ऐसे में ज्ञानवापी से जुड़ी हुई सभी याचिकाओं को क्लब कर इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन जजों की बेंच के सामने ट्रांसफर कर दिया जाए।

बता दें की, पिछली बार वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ मिला था, लेकिन मुस्लिम पक्ष इसे फब्बारा बताता है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्तों में जवाब मांगा है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट अब 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

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मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर कहा की, हमने पहले भी दलील में कहा कि इस तरह की याचिकाएं प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट लागू होने के कारण सुनी नहीं जा सकती। मुस्लिम पक्ष ने कहा है की, हिंदू पक्ष की वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग जिला अदालत पहले भी ठुकरा चुकी थी, जिसे उच्च न्यायलय ने मान्यता दी है। उसी के खिलाफ हमनें भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई है।

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