कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षाबलों के लगातार ऑपरेशन में एक बड़ी सफलता मिली है। उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में सुरक्षाबलों ने जिस शख्स को ढेर किया है, वह कोई आम घुसपैठिया नहीं बल्कि पिछले दो दशक से ज्यादा समय से आतंकियों का सबसे बड़ा मददगार माना जाने वाला बागू खान उर्फ ‘समंदर चाचा’ था।
‘समंदर चाचा’ के नाम से कुख्यात बागू खान का असली ठिकाना पाकिस्तान के मुज़फ्फराबाद में था। 1995 से अब तक वह 100 से ज्यादा घुसपैठ की घटनाओं में शामिल रहा। उसका काम था आतंकियों को सीमा पार करवाना, उन्हें सुरक्षित रास्ते बताना और भारतीय इलाकों तक पहुँचाना। यही वजह थी कि वह लंबे समय से सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार, गुरेज ऑपरेशन में मारे गए घुसपैठियों से बरामद दस्तावेज़ों से पुष्टि हुई कि उनमें से एक बागू खान यानी ‘समंदर चाचा’ ही था। अधिकारियों के अनुसार, यह आतंकी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका है।
पुलिस और सेना पिछले कई वर्षों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन उसकी लोकेशन पकड़ पाना मुश्किल था। बताया जाता है कि वह इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों और पगडंडियों से अच्छी तरह वाकिफ था। इसी कारण वह घुसपैठियों को बिना पकड़े सीमा पार करवाने में माहिर था। आतंकियों के बीच उसकी पहचान इतनी गहरी थी कि हर बार जब किसी को कश्मीर में दाखिल होना होता, तो ‘समंदर चाचा’ ही पहला नाम होता।
कश्मीर का गुरेज सेक्टर लंबे समय से घुसपैठ का मुख्य मार्ग माना जाता है। यहां की भौगोलिक स्थिति, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ और सर्दियों में भारी बर्फबारी आतंकियों को फायदा पहुंचाते हैं। यही कारण है कि यह इलाका सुरक्षाबलों की विशेष निगरानी में रहता है और यहां सेना की तैनाती भारी संख्या में की जाती है।
गुरेज में हालिया मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो घुसपैठियों को मार गिराया, जिनमें ‘समंदर चाचा’ भी शामिल था। दूसरे घुसपैठिए की अभी पहचान नहीं हो पाई है। सुरक्षाबलों का मानना है कि बागू खान के मारे जाने से आतंकी नेटवर्क को लॉजिस्टिक सपोर्ट और गाइडेंस के मोर्चे पर गंभीर नुकसान पहुंचा है।
कश्मीर में चल रहे ऑपरेशनों का लक्ष्य सिर्फ आतंकियों को खत्म करना नहीं, बल्कि उनके स्थानीय मददगारों और सीमा पार करवाने वालों को भी समाप्त करना है। ऐसे में ‘समंदर चाचा’ का मारा जाना आतंकी ढांचे को कमजोर करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
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