आज शुक्रवार को विधि विधान से ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के लिए खुल गए हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह छह बजे शुरू हो गई थी। मंदिर के कपाट सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुल गए जबकि चार तीर्थों में से अंतिम धाम बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को तीर्थयात्रियों के लिए खोले गए।
चार मई को बारिश और बर्फबारी के बावजूद मंदिर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। 1,90,000 से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ जाने के लिए 31 मई तक अपना पंजीकरण करा चुके हैं। जबकि केदारनाथ हेली सेवा के लिए पांच जून तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है।
परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंच चुकी है। यह दो मई को श्री केदारनाथ के शीतकालीन निवास ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी और केदारनाथ धाम पहुंचने से पहले विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, श्री गौरीमाई मंदिर, फाटा और गौरीकुंड सहित कई पड़ावों पर रुकी थी। केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया है।
पहले दिन केदारनाथ जी के दर्शन करने के लिए 12 हजार तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। पंजीकरण सत्यापन के उपरांत ही तीर्थयात्री दर्शन कर पाएंगे। अभी तक पंजीकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। यात्रा मार्ग पर सभी व्यवस्थाएं सुचारु कर दी गई हैं। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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