पीएम मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों वापस लेने की घोषणा के बाद आंदोलन पर बैठे किसानों में मतभेद उभर कर आया है। किसान आंदोलनों को समर्थन देने वाली खाप पंचायतों ने किसानों के घर लौटने को कहा है जबकि कुछ खाप नेता इसके पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि तीन कृषि कानूनों के अलावा अन्य मांगों पर चर्चा करने के लिए अड़े हुए हैं।
बता दें कि बीते एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं आंदोलन कर रहे हैं। गठवाला और चौबीस खाप ने पीएम मोदी के तिब कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद अब किसान आंदोलन समाप्त करने की बात कह रहे हैं। जबकि कुछ खाप पंचायतें संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन किया है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा पीएम मोदी को पत्र लिखकर एमएसपी गारंटी कानून सहित अन्य छह मांगों को भी पूरा करने की मांग की है। मोर्चा का कहना है कि इन मांगों के बाद ही किसान आंदोलन खत्म होगा।
पंवार खाप के नेता धर्मवीर सिंह पंवार कहा है कि एक साल चले किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीन कृषि कानून की वापस लिया है। कहा जाए तो एक तरह से किसानों की आधी ही मांग पूरी की गई, आधी मांगों में एमएसपी का मुद्दा अभी लंबित है। चौबीस खाप के नेता सुभाष छपरौली ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून वापस ले लिए है। अब किसानों को चाहिए की वे घर लौट जाएं।
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