गुजरात कोर्ट ने क्यों रेप के आरोपी की सजा को किया ख़ारिज, पढ़ें पूरा मामला

गुजरात कोर्ट ने क्यों रेप के आरोपी की सजा को किया ख़ारिज, पढ़ें पूरा मामला

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अहमदाबाद। नाबालिग से रेप के मामले में गुजरात कोर्ट ने एक शख्स की दस साल की सजा ख़ारिज कर दी। आरोपी और नाबलिग भाग कर शादी किये थे, जिसे उनका एक बच्चा भी है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह सजा उनके बच्चे को नाजायज बना देगी।इस दौरान महिला ने कोर्ट को बताया कि उसने अपनी मर्जी से संबंध बनाये।
पत्नी से बलात्कार का आरोप: गुजरात में बनासकांठा के रहने वाले व्यक्ति पर पोक्सो एक्ट के तहत अपनी नाबालिग पत्नी के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का मुकदमा चलाया गया था। अदालत ने कहा कि आदमी और उसकी पत्नी अपने बच्चे को अपना मानते हैं, इसलिए आरोपी को जेल में डालने से बच्चा नाजायज कहलाएगा। आरोपी के जेल में रहने के दौरान उसकी पत्नी और बच्चा आदमी के परिवार के साथ रह रहे हैं।
दंपती 2015 में भाग गया था और बाद में उस व्यक्ति पर आईपीसी और पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत बलात्कार और अपहरण के आरोप लगाए गए थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय महिला की उम्र 18 साल से कम थी। बाद में इस जोड़े ने शादी कर ली और उनका एक बच्चा भी हुआ। मार्च में दीसा की एक अदालत ने उस व्यक्ति को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी।
अपनी आंखें बंद नहीं कर सकता: जब उस व्यक्ति की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी, तब न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने सवाल किया कि सजा बलात्कार के आरोपी के लिए है या बच्चे के लिए। कोर्ट ने कहा कि कई शादियां ऐसी होती हैं, जिनमें कम उम्र की महिलाएं होती हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में हमने कानून की वजह से बच्चे को नाजायज बना दिया है। नतीजा क्या होगा? जस्टिस ने कहा, ‘मैं अपनी आंखें बंद नहीं कर सकता हूं। हमने बच्चे को नाजायज बना दिया है…कई बच्चे इस तरह से नाजायज हो जाते हैं।’
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