भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की लाओस में भेट के चलते लाओस ने रामलला के और तथागत बुद्ध के चित्रों के पोस्टल स्टैम्प्स रिलीज किए है। इसी के साथ लाओस रामलला के चित्र के पोस्टल स्टैम्प्स रिलीज करने वला पहला देश भी बन गया। है। आपको बता दें लाओस अर्थात लाओ पीपल्स लोकशाही गणराज्य असल में एशिया पैसिफिक देश है। इसकी सिमा पूर्व-उत्तर और उत्तर में चीन से, साथ ही पूर्व में वियतनाम से लगती है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के लाओस दौरे के दरम्यान तथागत बुद्ध और रामलला की अयोध्या में रखी मुर्ति से मिलती जुलती प्रतिमा के पोस्टल स्टेम्प्स लांच किए गए। इस भेट और पोस्टल स्टैम्प्स की जानकारी एस जयशंकर ने अपने ट्विटर अकाउंट से दी। उन्होंने कहा, “लाओ पीडीआर के डिप्यूटी पीएम और विदेश मंत्री सलेमक्से कोमासिथ के साथ एक अच्छी बैठक की। गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मेकांग गंगा सहयोग के तहत लाओस के लिए 10 क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट (क्यूआईपी) पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान और सफल डिजिटल समाधान साझा करने में सहयोग देखा गया। रामायण और बौद्ध धर्म के हमारे साझा सांस्कृतिक खजाने का जश्न मनाते हुए एक विशेष टिकट सेट लॉन्च किया गया।”
आप को बता दें, लाओस में रामायण को ‘रामकियेन’ या ‘फ्रा लाक फ्रा राम’ की कहानी के रूप में जाना जाता है और अक्सर शुभ अवसरों के दौरान इसका प्रदर्शन किया जाता है। दरसल इन स्टाम्प सेट की थीम “सेलिब्रेटिंग शेयर्ड कल्चर हेरिटेज ऑफ़ लाओ पीडीआर एंड इंडिया” दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है।
वर्ष 1971 में भी लाओस ने भगवान हनुमान और भगवान विष्णु के बीच चल रहे युद्ध की प्रतिमा के पोस्टल स्टैम्प्स जारी किए थे। यह भारत और लाओस के बीच की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक डोर की विशेषता दिखाता है।
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