उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर उपलोड करने का निर्देश दिया था। दो महीनों पहले संपत्ति का ब्यौरा न देने की स्थिति में वेतन रोकने का निर्देश भी दिया गया हैं। जिसके बाद से लगातार संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण संपत्ति का विवरण अपलोड किया जा रहा है। वहीं सोमवार (30 सितंबर) संपत्ति विवरण का आखरी दिन बताया गया है। दरम्यान करीब 60 हजार कर्मचारियों ने अभी तक विवरण न देने की बात सामने आयी है। ऐसे में इन कर्मचारियों के वेतन रोकें जा सकते है।
मुख्य सचिव की तरफ से सभी प्रमुख सचिवों को संपत्ति विवरण करवा लेने के निर्देश दिए गए थे। यूपी सरकार के करीब 20 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण देना था। जिसकी प्रक्रिया असल में वर्ष 2023 से शुरू हुई थी और विभिन्न कारणों से 4 बार अंतिम तारीख भी दी गई थी। वहीं 30 अगस्त के अंतिम तारीख तक 2 लाख कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था। जिसके बाद वेतन को रोकने की बात की जा रही थी।
दरम्यान 30 सितंबर तक विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने के हैं आदेश से कर्मचारियों को राहत दी गई।लेकीन अभी भी यूपी सरकार के करीब 60000 कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इनमें सरकारी विभागों के साथ निकायों, निगमों और कारपोरेशन के कर्मचारियों को भी विवरण देना होगा।
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वहीं उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन में संपत्ति विवरण न करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन रोकने का आदेश जारी हुए है, ऊर्जा विभाग में संपत्ति न घोषित करने वाले 7572 लोगों का वेतन रोका गया है। वहीं डीजीपी की टेक्नीकल सर्विस ब्रांच ने बताया है की 99 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर दिया है।