मध्य प्रदेश के भोपाल में बुधवार शाम एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गैस का रिसाव हो गया| इस घटना के बाद से कुछ डरे हुए नागरिकों को खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। करीब 15 नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि उनकी हालत स्थिर है। यह गैस रिसाव शहर में मदर इंडिया कॉलोनी के जल शोधन संयंत्र में स्थित क्लोरीन सिलेंडर से सामने आया है|
बुधवार शाम को हुई इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों को खांसी और उल्टियां हो रही हैं| कुछ को आंखों में जलन भी होती है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि गैस रिसाव की तेज गंध से दो बच्चे बेहोश होकर गिर पड़े|
बुधवार दोपहर 2.30 बजे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गैस का रिसाव हुआ। उसके बाद तकनीशियन द्वारा सिलेंडर की मरम्मत की गई। उसके बाद शाम को फिर से इस सिलेंडर से गैस का रिसाव शुरू हो गया, अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। गैस रिसाव के कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारी घटना की जांच करेंगे।
भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा है कि घटना के एक घंटे के भीतर स्थिति पर काबू पा लिया गया| “गैस रिसाव के प्रभाव को बेअसर करने के लिए दमकलकर्मियों ने सिलेंडर को पानी की टंकी में फेंक दिया। इसके लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया। इस सिलेंडर में 900 किलो क्लोरीन गैस थी”, लवानिया ने बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि इस घटना के दौरान कोई भगदड़ नहीं हुई।
मदर इंडिया कॉलोनी में करीब 400 परिवार रहते हैं। ईदगाह पहाड़ियों के पास स्थित यह इलाका 1984 के भोपाल गैस रिसाव आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। इस त्रासदी में भोपाल में करीब साढ़े पांच लाख लोगों की जान चली गई थी।
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