मध्य प्रदेश के ओम्कारेश्वर में गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जगतगुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट की ऊंची प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ़ वननेस” का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण से पहले शिवराज सिंह ने अपनी पत्नी के साथ पूजा अर्चना की।इसके बाद उन्होंने संतों के साथ प्रतिमा की परिक्रमा की। इस दौरान उन्होंने एक्स प्लेटफार्म पर एक पोस्ट भी साझा किया है।
आचार्य शंकराचार्य की दीक्षा स्थली: गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के किनारे देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर आचार्य शंकराचार्य की दीक्षा स्थली रही है। जहां वे अपने गुरु गोविन्द भगवत्पाद मिले और यहीं उन्होंने चार साल रहकर विद्या अध्ययन किया। सीएम शिवराज सिंह द्वारा साझा किये गए पोस्ट में लिखा है कि ” आचार्य शंकर के विराट स्वरूप में समर्पण ! श्री शंकर भगवत्पाद सनातन वैदिक संस्कृति के सर्वोच्च प्रतिमान हैं। धर्म संस्कृति के रक्षणार्थ उन्होंने जो श्रेष्ठ संपादित किये , वह अद्वितीय है। ज्ञानभूमि ओम्कारेश्वर से उनके विचारो का लोकव्यापीकरण हो और समस्त विश्व एकात्मता के सार्वभौमिक संदेश को आत्मसात करे। आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित आचार्य शंकर के श्री चरणों में ही शुभता और शुभत्व है। संपूर्ण जगत के कल्याण का सूर्य अद्वैत के मंगलकारी विचारों में ही निहित है।”
27000 ग्राम पंचायतों से एकत्रित किया गया था धातु: आदि शंकराचार्य के बाल स्वरूप का चित्र मुंबई के प्रसिद्ध चित्रकार श्री वासुदेव कामत द्वारा बनाया गया है, उन्होंने यह चित्र 2018 में बनाया था। जिसके आधार पर महाराष्ट्र के सोलापुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान राम पुर द्वारा बनाई गई है। इस प्रतिमा को बनाने के लिए 2017 और 2018 में एकात्म यात्रा निकाली गई थी। यात्रा के जरिये 27000 ग्राम पंचायतों से विभिन्न प्रकार के धातु को एकत्रित किया गया था।
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