भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार शिक्षा में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने युवाओं को भारतीय संस्कृति से परिचय कराने के लिए राज्य में इंजीनियरिंग के सिलेबस में रामायण और महाभारत महाकाव्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इस संबंध की जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि अगर हम अपने गौरवशाली इतिहास को आगे ला रहे हैं तो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
मोहन यादव ने कहा, “जो कोई भी भगवान राम के चरित्र और समकालीन कार्यों के बारे में सीखना चाहता है, वो इंजीनियरिंग के सेलेबस में ऐसा कर सकता है। ये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दायरे में उठाए जा रहे कदम है। हमारे अध्ययन बोर्ड के शिक्षकों ने एनईपी 2020 के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया है। अगर हम अपने गौरवशाली इतिहास को आगे ला सकते हैं, तो किसी को भी इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।” सरकार इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया देने लगे।
कुछ यूजर्स ने सीएम शिवराज के इस फैसले का स्वागत किया है तो कुछ ने इसकी आलोचना की है। यानी की यूजर्स की तरफ से मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है। यूजर्स ने कहा है कि ये देश के युवाओं को महाभारत और रामायण पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वहीं कुछ यूजर्स ने सवाल किया है कि कैसे दो महाकाव्यों को पढ़ने से इंजीनियरों को उनके करियर में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश उन पहले राज्यों में से एक है जो एनईपी को स्कूल के साथ-साथ कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।