हंसते-खेलते परिवार को लीला ऑनलाइन काम, लोन में फंस फेमिली ने की ख़ुदकुशी  

युवक द्वारा चार पन्नों का सुसाइड नोट है। उसमें जो कुछ लिखा गया है। बेहद दर्दनाक है। यह युवक लोन ऐप के जाल में फंसकर अपनी और अपने परिवार को बर्बाद कर बैठा।

हंसते-खेलते परिवार को लीला ऑनलाइन काम, लोन में फंस फेमिली ने की ख़ुदकुशी  

एक छोटी सी गलती ने हँसते खेलते परिवार को पूरी तरह से लील लिया। भोपाल के एक दंपत्ति ने अपने दो बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले दम्पत्ति ने एकनोट छोड़ा है। जिसमें उसके साथ हुए बर्ताव की पूरी कहानी बयां की गई है। युवक द्वारा चार पन्नों का सुसाइड नोट है। उसमें जो कुछ लिखा गया है। बेहद दर्दनाक है। यह युवक लोन ऐप के जाल में फंसकर अपनी और अपने परिवार को बर्बाद कर बैठा।

युवक ने इस जंजाल से निकलने की पूरी कोशिश की लेकिन वह दलदल में फंसता ही गया और एक दिन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। युवक के नोट में क्या लिया आइये जानते हैं। “समझ में नहीं आ रहा है कि  क्या करें ?  पता नहीं हमारी छोटी सी फैमिली को किसकी नजर लग गई।  अपने परिवार से जुड़े लोगों से हाथ जोड़कर माफ़ी चाहते हैं। सक गलती की वजह से हमसे जुड़े सभी लोगों को काफी परेशान हुए। ख़ुशी-ख़ुशी हम अपने परिवार के साथ जी रहे थे। कोई परेशानी या चिंता की बात नहीं थी।
लेकिन अप्रैल में मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया। इसमें ऑनलाइन काम करने का मैसेज था।यही, ऑफर टेलीग्राम पर भी आया। थोड़े से पैसों और अपनी जरूरतों के लिए मै तैयार हो गया। इस काम के लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था इसलिए तैयार हो गया और काम शुरू किया। शुरू में थोड़ा फ़ायदा हुआ लेकिन बाद में दलदल में फंसता चला गया। जब मुझे समय मिलता उस काम को करने लगा। आगे जाकर लोड इतना ज्यादा हो गया कि अपने काम और इस काम में लगे पैसे का हिसाब नहीं रख पाया। इन पैसों का इस्तेमाल अपने परिवार पर बिलकुल नहीं पाया। और काम का दबाव बढ़ता ही गया।
यह कहानी है भोपाल के 38 वर्षीय भूपेंद्र विश्वकर्मा , उनकी पत्नी रितु , बेटे ऋतुराज और ऋषिराज की है। दो बच्चों को दंपति ने जहर देने की आशंका है। भूपेंद्र के बड़े भाई के अनुसार  दम्पति ने माजा में सल्फास मिलाकर बच्चों को दिया गया। उसके बाद जब दंपत्ति को  यह एहसास हो गया कि उनके दोनों बच्चों की मौत हो चुकी है तो उन्होंने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र ने अपने परिवार के साथ खींची गई सेल्फी को अपनी भतीजी को सुबह चार बजे भेजी थी और कैप्शन में लिखा कि यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखाई देंगे।
 भूपेंद्र ने आगे लिखा कि जब मेरा पैसा खत्म हो गया तो कम्पनी वालों ने लोन लेने के लिए दबाव बनाने लगे। जबकि  मैंने बताया कि मेरा सिविल खराब है ,बावजूद इसके लोन के लिए ट्राई करने पर मुझे लोन मिल जाता। जो कंपनी को पानी की तरह लगता। बाद में मुझे पता चला की मै फ्रॉड का शिकार हो गया हूं। मैंने कंपनी की जानकारी भी जुटाई थी। अंतिम में उन्होंने लिखा है कि इसकी जानकारी देने साइबर क्राइम भी गया लेकिन अधिकारी नहीं होने की  वजह से टल गया। उन्होंने अपने माता पिता और संबंधियों से माफ़ी मांगी।
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