प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम पर भगदड़ की बड़ी घटना में हुई। यह घटना 29 जनवरी की सुबह हुई, जब मौनी अमावस्या के लिए भारी भीड़ होने के कारण हुई। इस अफरातफरी में कई लोग हताहत हुए, सूचना के अनुसार 15 लोगों की जान चली गई।
घटनास्थल से प्राप्त तस्वीरों में घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिखाई दे रहे हैं, तथा चारों ओर टेंट और झंडे लगे हुए हैं। वीडियो में भीड़ की विशालता को दर्शाया गया है। कई श्रद्धालु मौनी अमावस्या के दौरान पवित्र माने जाने वाले ‘अमृत स्नान’ में भाग लिए बिना ही लौट गए। जूना अखाड़े सहित कई अखाड़ों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण इसमें भाग लेने को स्थगित करने का फैसला किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि ‘संतों को अपनी स्नान की योजना रद्द करनी पड़ी।’ उन्होंने बताया, “आपने देखा होगा कि सुबह क्या हुआ था, और इसीलिए हमने फैसला किया है, जब हमें इस घटना के बारे में बताया गया तो हमारे सभी संत और संत स्नान के लिए तैयार थे इसलिए हमने ‘मौनी अमावस्या’ पर अपने स्नान को रद्द करने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संगम नोज क्षेत्र में जाने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को स्नान के लिए गंगा किनारे स्थित अन्य घाटों का उपयोग करने की सलाह दी।जूना अखाड़े के प्रवक्ता ने बताया कि अत्यधिक भीड़ के दबाव के कारण उन्हें स्नान में देरी करनी पड़ी। पंचायती महानिर्वाणी के एक संत ने भी भीड़ भाड़ के कारण सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “इसलिए अखाड़े ने महामंडलेश्वरों के लिए ‘स्नान’ रोक दिया है।
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