Mahakumbh Stampede: ​​श्रद्धालुओं की चीख पुकार​ के बीच भगदड़ का दिल दहला देने वाला दृश्य!

रात को करीब 9 बजे संगम के तट पर थे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ रही थी। कुछ ही देर में भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि वहां पर खड़े रहने के लिए भी मुश्किल होने लगी थी।

Mahakumbh Stampede: ​​श्रद्धालुओं की चीख पुकार​ के बीच भगदड़ का दिल दहला देने वाला दृश्य!

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प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मौनी अमावस्या के दिन होने वाले अमृत स्नान के लिए उमड़ी भीड़ अनियंत्रित हो गयी| इसके बाद प्रभावित क्षेत्र में दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं की भीड़ से कुचलने की दर्दनाक घटना हुई है| इसी क्रम में एक युवक ने महाकुंभ में मची भगदड़ का आंखों देखा हाल बताया। उसने बताया कि भीड़ संगम तट लेटे श्रद्धालुओं को लोग रौंदते हुए चले गए। तट पर चीख-पुकार मची थी। सबसे पहले स्नान की चाहत में गंगा के किनारे पर जाकर भीड़ ​इकट्ठी​ हो गयी थी।

​अमृत​ स्नान की उत्कंठा लिए लोग तट की तरफ चले जा रहे थे। ​वही किनारे पर सो रहे लोगों के ऊपर से जब भीड़ गुजरी तो चीख-पुकार मच गई। इस बीच भी तमाम लोग गिर गए। भीड़ के बीच जो गि​रा​ वह उठ नहीं पाया और ​इसमें कई लोगों की मौत हो गई। सैंकड़ों बुजुर्ग और महिलाएं घायल हुई हैं। महाकुंभ से ​लौटे ​श्रद्धालुओं​ ने बताया कि व्यवस्थाएं सब मुकम्मल थीं लेकिन भीड़ का दबाव होने से यह हादसा हो गया।

​वही​ चश्मदीद श्रद्धालुओं ने इस हादसे को बड़े करीब से देखा। ​उन​ लोगों ने कहा कि जो देखा उसे जिंदगी भर भुलाया नहीं जा सकता।​ अलीगढ़ से चार दोस्त​ मंगलवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे थे। हम सभी लोग रात को करीब 9 बजे संगम के तट पर थे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ रही थी। कुछ ही देर में भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि वहां पर खड़े रहने के लिए भी मुश्किल होने लगी थी। हमने एक नाव वाले को कुछरुपये देकरनाव में रात बिताने के लिए मना लिया।

जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया तट पर भीड़ का दबाव और भी बढ़ गया। तट पर लोग शुभ मुहूर्त के इंतजार में वहीं पर सो गए थे। इस बीच मेला प्रशासन की ओर से घोषणा हो रही थी कि तट पर जो लोग सोए हैं वह वहां से हट जाएं। तड़के में शाही स्नान के लिए अखाड़ों की सवारी आने वाली थी। इस बीच रात के करीब 1.30 बजे अचानक चीख पुकार मची। देखा कि भीड़ का एक रेला चला आ रहा है।

तट पर सोए हुए लोगों पर भीड़ चढ़ रही है। सोए हुए लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। कुछ देर तक यही स्थिति रही। हम लोग नाव से यह मंजर देख रहे थे और कुछ नहीं कर सकते थे। सुबह हादसे की खबर सुनकर परिवार वालों के फोन आने शुरू हो गए। बुधवार की देर शाम को सभी ​चारों दोस्त अलीगढ़ के लिए रवाना हो रहे हैं।​ वही, लोगों ने बताया कि भीड़ बहुत ज्यादा थी। बढ़ती जा रही भीड़ को रोकना भी तो संभव नहीं था। हमारी आंखों के सामने ही कई लोग भीड़ के बीच में फंस गए थे।

यहां पर अलीगढ़ के दो कैंप भी लगाए गए हैं। एक कैंप डॉ. अन्नपूर्ण भारती का है दूसरा कैंप पूर्णानंद पुरी का है। इसके अलावा लोधा के अटलपुर के मोहनगिरी हितैषी का भी आह्वान अखाड़ा है। प्रयागराज में अलीगढ़ के करीब 200 से ज्यादा श्रद्धालु बुधवार को भी मौजूद रहे। अलीगढ़ से गए हुए लोग यहीं पर रुके हुए हैं।​

बुधवार को प्रयागराज ​हुई भगदड़ के बाद अब स्थिति तेजी से सामान्य हुई। धीरे धीरे वहां से लोगों के वापस होने का क्रम जारी है। उनके रहने और खाने की व्यवस्था कैंपों में ही की गई है।​ हादसे की जांच के लिए सरकार ने जांच समिति गठित की है। बता दें कि इस जांच समिति में अलीगढ़ नगर निगम में आयुक्त रहे वीके सिंह भी शामिल हैं। तीन सदस्यीय इस समिति में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वीके गुप्ता और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हर्ष कुमार शामिल हैं।

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