नई दिल्ली। धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार मौलाना कलीम की सम्पत्तियों की जांच ईडी करेगी। जांच में पता चला है कि मौलाना के ट्रस्ट को विदेशों से पैसे ट्रांसफर किये गए हैं। ये फंड तीन करोड़ के आसपास है,जिसमें डेढ़ करोड़ बहरीन से आया है। बता दें कि मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के नाम से एक संस्था चला रहा था। यह ट्रस्ट कई मदरसों को फंडिंग करता था। ट्रस्ट को काफी पैसे विदेशों से आते थे। जांच यह भी सामने आया है कि संस्था द्वारा कराये जा रहे धर्मांतरण के लिए पैसे क़तर और ओमान जैसे देशों से आ रहा था।
उमर गौतम के खाते में किसी विदेशी स्रोत से डेढ़ करोड़ रुपये आए थे। वो इन पैसों को मुंबई की अजमल फाउंडेशन और ऐसी कई संस्थाओं को ट्रांसफर करते थे। इस मामले में बाद में ईडी ने जांच शुरू की तो नाम आया मौलाना कलीम सिद्दीकी का उमर गौतम ने पूछताछ में बताया कि मौलाना कलीम 5 लाख से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं।ईडी को जांच में मौलाना कलीम की फंडिंग के बारे में पता चला कि खातों में 20 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिलने के बाद मौलाना कलीम पर नजर रखी गई और उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई गई जो चौंकाने वाली है।
धर्मांतरण प्रकरण से जुड़े मामले से जुड़े मौलाना कलीम सिद्दीकी ने महज दो दशक में अकूत संपत्ति कमा ली। ईडी मौलाना की संपत्ति और उनके खातों के साथ संस्था के खातों से हुए करोड़ों के लेनदेन पर नजर रख रही है। 2 दशक में मौलाना कलीम की कृषि भूमि भी पांच गुना होकर ढाई सौ बीघा तक जा पहुंची है, जबकि मकानों की संख्या भी 12 से अधिक हो गई।
जांच में पता चला कि मुजफ्फरनगर में गांव फुलत में मौलाना कलीम सिद्दीकी के पिता मोहम्मद अमीर सिद्दीकी के पास करीब 225 बीघा कृषि भूमि थी। ये मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके तीन सगे भाइयों के पास बराबर-बराबर बंट गई थी। बता दें कि गांव में मदरसा बनाने के बाद मौलाना कलीम सामान्य जीवन जी रहा था,लेकिन 2005 आते-आते उसकी संपत्ति में कई गुना इजाफा हो गया। पहले उसकी जमीन 55 बीघा थी जो बाद में 250 बीघा हो गई।