‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही शर्मिला ओसवाल का जिक्र किया। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया है। मोटे अनाज का प्रसार और प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके ब्रांड एंबेसडर हैं। प्रधानमंत्री मोदी के विशेष प्रयासों से मोटा अनाज पूरी दुनिया में फैल रहा है। विडंबना यह है कि शर्मिला पिछले 20 सालों से मोटे अनाज के महत्व को बढ़ावा दे रही हैं। ओसवाल ने पिछले 20 वर्षों में आज तक 100 से अधिक मोटे अनाज उत्पाद बाजार में उतारे हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने ओसवाल का जिक्र किया।
कोंकण के अलीबाग में रहने वाली शर्मिला ओसवाल ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। उसके बाद वो गांव में आ गई। देश के लोगों को स्वस्थ रखने के लिए बाजरा की खेती शुरू की गई और बाद में बाजरा के उत्पाद बाजार में उतारे गए। शर्मिला ओसवाल के अनुसार ज्वार, बजरी, रागी मुख्य मोटे अनाज हैं और यही हमारा असली अन्न है। गेहूं, बासमती चावल हमारा मुख्य भोजन नहीं है। लेकिन, एक गलत धारणा के कारण हम अपने स्थानीय खाद्यान्न खाने से परहेज कर रहे हैं। इसलिए, वर्तमान पीढ़ी की रोग प्रतिरोधक क्षमता पिछली पीढ़ी की तुलना में कम है।
कोरोना महामारी में यह देखा गया कि नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है आने वाले समय में कोरोना जैसी महामारियों का सिलसिला चलेगा। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम मोटा अनाज ही कर पाएगा। और ओसवाल का दृढ़ मत है कि भारत में इस प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने की क्षमता मोटा अनाज है। अलीबाग के पास केनाड गाँव की बाजरा माँ के रूप में लोकप्रिय शर्मिला ओसवाल ने पिछले 20 वर्षों में बाजरा उत्पादन में अभिनव योगदान दिया है। उन्होंने किसानों को स्मार्ट खेती की तकनीक सिखाई। उनके प्रयासों से न केवल बाजरा का उत्पादन बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।
कोरोना के बाद बाजार में मिले बाजरा उत्पाद- शर्मिला ओसवाल पहले से ही बाजरे की खेती कर रही थीं, लेकिन उनके कई करीबी लोगों की कोरोना में मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे इस संकल्प के साथ बाजरे के उत्पादों को बाजार में उतारने का फैसला किया। वर्तमान में वह बाजरा के लगभग 100 उत्पाद बाजार में उतार चुके हैं। जिसमें मैगी, पास्ता, कॉर्न, क्रिस्पी उत्पाद सभी के बीच लोकप्रिय हो गए हैं।
प्रधानमंत्री से यादगार मुलाकात- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में उन लोगों का परिचय कराते हैं जिन्होंने उनके बारे में कभी नहीं सुना। व्यक्ति को स्वयं इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उसका कार्य पंजीकृत हो रहा है। कुछ ऐसा ही हुआ शर्मिला ओसवाल के साथ। ओसवाल को अचानक एक फोन आया। फोन करने वाला प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा था। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री उनसे बात करना चाहते हैं। ओसवाल को विश्वास नहीं हुआ। उन्हें लगा कि कोई साइबर अपराधी है और उन्हें धोखा दे रहा है। इसलिए उन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो-तीन बार बोलने से मना किया। शर्मिला ओसवाल को तब यकीन हुआ जब उनके पति का फोन आया और उन्होंने पुष्टि की। इसके बाद से वह एक बार नहीं बल्कि कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं।
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