केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में ‘ग्लोबल टेक गवर्नेंस: राइजिंग टू द चैलेंज’ और बैलेंसिंग इनोवेशन एंड रेगुलेशन : ग्लोबल पर्सपेक्टिव्स ऑन टेलीकॉम पॉलिसी’ पर प्रमुख सेशन को संबोधित किया। उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक की सेवा करने में आधार और भारतनेट की सफलता पर प्रकाश डाला।
केंद्रीय मंत्री ने रेगुलेशन के साथ इनोवेशन को बैलेंस करने की दिशा में चार कदमों के बारे में भी बात की, जैसे स्पेक्ट्रम मैनेजमेंट, बाजार स्थिरता सुनिश्चित करना, विभिन्न प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेशन शुरू करना और उपभोक्ता संरक्षण के लिए साइबर सुरक्षा उपाय लाना।
‘एमडब्ल्यूसी 2025’ के दौरान, सिंधिया ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 का अनावरण किया और दूरसंचार विभाग के सहयोग से टेलीकॉम इक्विप्मेंट एंड सर्विस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) द्वारा आयोजित भारत पैवेलियन का उद्घाटन किया। भारत पैवेलियन में 38 भारतीय दूरसंचार उपकरण निर्माताओं ने अपने स्टेट-ऑफ-द-आर्ट प्रोडक्ट का प्रदर्शन किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जैसा कि हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) दूरसंचार और डिजिटल इकोसिस्टम में इनोवेशन, एडवांसमेंट और अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
केंद्रीय मंत्री ने भारत पैवेलियन के अपने दौरे के दौरान वीवीडीएन के स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित, एआई-बेस्ड वाई-फाई-7 का भी उद्घाटन किया। सिंधिया ने मेटा और गूगल क्लाउड जैसे दूसरे बूथों का भी दौरा किया, जहां उन्होंने उनके विभिन्न टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशंस की झलक देखी।
केंद्रीय मंत्री ने क्वालकॉम, सिस्को, मावेनिर, एरिक्सन, नोकिया, एएमडी, एटीएंडटी, एयरटेल, बीएसएनएल, सीडीओटी और टीईपीसी के टॉप इंडस्ट्री लीडर्स के साथ बातचीत की।
इस यात्रा ने मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2025 में भारत के दूरसंचार परिवर्तन को प्रदर्शित किया, जिसमें भारत के तेजी से 5जी रोलआउट, दुनिया में सबसे कम डेटा टैरिफ, स्वदेशी 4जी/5जी स्टैक और मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को कार्यक्रम में उजागर किया गया। केंद्रीय मंत्री की भागीदारी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए कटिंग-एज टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए भारत के कमिटमेंट को उजागर करती है।
मंत्रालय ने कहा कि यह जुड़ाव अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करने, दूरसंचार क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और सस्टेनेबल डेवलपमेंट सुनिश्चित करने के लिए ग्लोबल पॉलिसी को आकार देने पर भारत के रणनीतिक फोकस को भी दर्शाता है।
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