राष्ट्र संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने शुक्रवार को विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों से घर वापस लौटने की अपील की। पीएम मोदी ने कृषि कानूनों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में थे, लेकिन, शायद किसानों से जुड़े लाभ को हम समझाने नाकाम रहे ,इस लिए हमारी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इस माह शुरू होने वाले संसद सत्र में कानून को वापस ले लिया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार पूरी निष्ठा और नेक नीयत साथ तीनों कृषि कानून लाई थी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को उनकी मेहनत के लिए सही राशि मिले, कई कदम उठाए गए। हमने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के बाजार को मजबूत किया। हमने न केवल एमएसपी बढ़ाया बल्कि रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी स्थापित किए। हमारी सरकार द्वारा खरीद ने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं 2014 में प्रधानमंत्री बना, तो हमने (सरकार) किसानों के कल्याण और विकास को प्राथमिकता दी… बहुत से लोग इस सच्चाई से अनजान हैं कि 80/100 छोटे पैमाने के किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है और जनसंख्या में 10 करोड़ से अधिक है। जमीन का यह टुकड़ा उनका अस्तित्व है।
आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/yp2eBgW7Sr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 19, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि आज गुरु नानक देव की जयंती है। आज मै आप सभी को यह बताने आया हूं कि तीनों कृषि कानून वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी ने कहा था ‘विच दुनिया सेव कमाये, तान दरगाह बैसन पाई’। इसका अर्थ है कि राष्ट्र सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन अच्छा चल सकता है। लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए हमारी सरकार सेवा की भावना के साथ काम कर रही है।
इस के आलावा सरकार ने भारतीय कृषि में बदलाव को लेकर एक और निर्णय मोदी सरकार ने लिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि एमएसपी को और पारदर्शी बनाने के लिए के कमेठी बनाएगी जिसमे सभी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे।