14 घंटे बाद बुझी सतपुड़ा भवन की आग,12000 फाइलें, 25 करोड़ का फर्नीचर खाक    

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग को 14 घंटे की भारी मशक्क्त के बाद बुझा लिया गया है।      

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग को 14 घंटे की भारी मशक्क्त के बाद बुझा लिया गया है। आग बुझने के बाद सेना और फायर ब्रिगेड की टीम भवन के अंदर जाकर देखना चाह रही थी। लेकिन पुलिस कमिश्नर ने सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। बता दें कि इस आग को बुझाने में सेना सहित कई एजेंसियों ने कड़ी मशक्क्त की तब जाकर आग बुझी। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि भवन में कहीं भी आग की लपटें दिखाई नहीं दे रही हैं। बताया जा रहा है कि इस आग में 25 करोड़ का फर्नीचर और 12000 हजार फाइलें जलकर ख़ाक हो चुकी हैं।
सतपुड़ा भवन मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे सरकारी दफ्तर है। एक आंकड़े के अनुसार यहां 80 फीसदी फाइलें जल चुकी हैं। और जब सोमवार को इस भवन में आग लगी तो यहां एक हजार कर्मचारी काम कर रहे थे। वैसे यह पहला मौक़ा नहीं है कि इस भवन यह पहली बार आग लगी। उससे पहले 2018 में चुनाव के  बाद और 2012 में चुनाव से पहले आग लग चुकी है। 2012 में तीसरी मंजिल पर आग लगी थी। अब एक बार फिर चुनाव ले चार माह पहले  सतपुडा भवन में आग लगी है। हालांकि इस आग की लपटें में सियासी चिंगारिया भी उठाने लगी है।  कांग्रेस ने इसे साजिश तो बीजेपी ने कहा है कि इस भवन कोई संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे।
भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि हमारे पास जो संसाधन उसी से आग पर काबू पाया गया। भवन में अभी भी कहीं जगहों से धुआं उठ रहा है। हालांकि अब डरने की जरुरत नहीं है, आग को बुझा लिया गया है। उन्होंने बताया कि सतपुड़ा भवन के अंदर जाकर सेना और फायर ब्रिगेड की टीम जांच पड़ताल करेगी। लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि रात में सुरक्षा के लिहाज से रेस्क्यू टीम को भेजना सही नहीं था। सुबह अब इस बारे में आकलन किया जाएगा।  अगर सबकुछ ठीक होगा तभी रेस्क्यू टीम को अंदर जाने की  अनुमति दी जाएगी अन्यथा नहीं।
उन्होंने बताया की शुरुआती जांच  में सामने आया कि यह आग शार्ट सर्किट से लगी है। बावजूद इसके जांच के लिए एक विशेषज्ञों की टीम गठित की गई। जो यह पता लगाएगी की आग कैसे लगी।  उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।  वहीं मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने बताया  इस घटना की जांच की जाएगी कि यह आग कैसे और क्यों लगी। बता दें कि इस भवन में  स्वास्थ्य विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग  के कार्यालय है। हालांकि आग लगाने के बाद यहां काम कर रहे कर्मचारियों को सकुशल निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि लगभग चौथी मंजिल में स्वास्थ्य विभाग की सभी फाइलें जलकर ख़ाक हो गई है।
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