जम्मू कश्मीर से आतंकियों के खात्मे के तर्ज पर मुंगेर रेंज में भी नक्सलियों के खात्मे के लिए केंद्र सरकार के गृह विभाग द्वारा लगातार योजनाएं बनाई जा रही है। मुंगेर रेंज के जमुई जिला स्थित चोरमारा में फरवरी माह में सीआरपीएफ कैंप की स्थापना की गयी। वहीं मुंगेर जिले के पैसरा में सीआरपीएफ के 207 कोबरा बटालियन के कैंप की स्थापना करने के साथ ही फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (हेलीपैड) का निर्माण किया गया है।
इसकी जांच करने के लिए शुक्रवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सफल लैंडिंग की। पैरामिलिट्री फोर्स और जिला पुलिस संयुक्त रूप से अब जमीनी हमला करने के साथ ही हवाई हमला भी कर सकेगी। गत आठ अप्रैल को सीआरपीएफ के डीआईजी विमल विष्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया 2022 के अंत तक मुंगेर रेंज को नक्सल फ्री जोन कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं बरियारपुर-जमुई मुख्य मार्ग 333 से लगभग 9 किमी कच्ची रास्ता की दूरी तय कर सीआरपीएफ को भीमबांध पहुंचना पड़ता है। अब कच्ची सड़क का दुरुस्तीकरण किया जा रहा है। ताकि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी पैरामिलिट्री फोर्स या जिला बल आसानी से वाहन पर सवार होकर भीमबांध या अंदर के जंगली क्षेत्रों में पहुंच सके।
जबकि पहले कांबिंग ऑपरेशन के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स पहाड़ी क्षेत्रों में जाते थे। तो ग्रामीणों से सख्ती के साथ पूछताछ करते थे, लेकिन नक्सलियों के दहशत के कारण कोई भी पुलिस को सूचना नहीं देते थे। इसी का फायदा उठाकर नक्सली गांव जाते थे, तो ग्रामीणों के साथ जमकर मारपीट करते थे। इतना ही नहीं जबरन उनसे राशन पानी उपलब्ध कराने के साथ ही युवाओं को नक्सली संगठन में शामिल करने का दबाव बनाते थे।
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