भारत को लेकर दुनिया भर में एक छवि बनाई जा रही है कि यहां मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार किए जा रहे हैं। वहीं इन दिनों यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। इसी बीच मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा कल भारत दौरे पर आ रहे हैं। अपने भारत दौरे के दौरान वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं से मुलाकात करेंगे।
मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा 10 जुलाई को नई दिल्ली पहुंचेंगे और उसी शाम नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। वहीं, 11 जुलाई को सुबह 11 बजे इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में वह लोगों को संबोधित भी करने वाले हैं। खुसरो फाउंडेशन के निमंत्रण पर वह इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
बता दें कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ है, जिसकी स्थापना 1962 में की गई थी। इसका मकसद दुनियाभर में इस्लाम का प्रचार-प्रसार करना है। मुस्लिम वर्ल्ड लीग का हेडक्वाटर सऊदी अरब के सबसे पवित्र माने जाने वाले शहर मक्का में है। इसके अलावा मुस्लिम वर्ड लीग के दुनियाभर में ऑफिस मौजूद हैं।
वहीं बात यदि मोहम्मद अल-ईसा की करें तो वह मुस्लिम लीग के प्रमुख हैं। वह सऊदी अरब के न्याय मंत्री भी रह चुके हैं। वह सिर्फ मुस्लिम के संगठन का ही नेतृत्व नहीं करते हैं, बल्कि वह मानवता के सुधार को लेकर काम करने वाले संगठन ‘सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल लीडरशिप’ के भी चेयरमैन हैं। उन्हें सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का राईट हैंड माना जाता है।
मुस्लिम देशों में बहुत ही कम उदारवादी धर्मगुरु हुए हैं और मोहम्मद अल-ईसा उनमें से एक हैं। न्याय मंत्री रहते हुए उन्होंने पारिवारिक मामलों, मानवीय मामलों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया। यहूदी से लेकर ईसाई समुदाय के नेताओं ने उन्हें उदारवादी इस्लाम की आवाज बताया है।
मोहम्मद अल-ईसा अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी से भी मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक वह आईसीसीआर के अध्यक्ष से भी मिलेंगे और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में प्रतिष्ठित आस्था नेताओं के एक समूह के साथ बातचीत करेंगे। वह अक्षरधाम मंदिर का भी दौरा करेंगे। इस दौरान वह कुछ प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
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