तमंचा मामला: 70 वर्षीय बुजुर्ग को 26 वर्ष बाद मिला न्याय

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित रोहाना खुर्द गांव निवासी 70 साल के बुजुर्ग रामरतन को पुलिस ने 2 नवंबर 1996 को अवैध तमंचा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल दिया था|

तमंचा मामला: 70 वर्षीय बुजुर्ग को 26 वर्ष बाद मिला न्याय
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित रोहाना खुर्द गांव निवासी 70 साल के बुजुर्ग रामरतन को पुलिस ने 2 नवंबर 1996 को अवैध तमंचा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था|अवैध तमंचा रखने के झूठे आरोप में फंसे 70 साल के बुजुर्ग को 26 साल बाद कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया है|
बता दें कि 70 वर्षीय एक वृद्ध को 26 साल बाद कोर्ट से अवैध तमंचा रखने के झूठे आरोप में फंसे बुजुर्ग को 26 साल बाद कोर्ट ने बरी किया है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित रोहाना खुर्द गांव निवासी 70 साल के बुजुर्ग रामरतन को पुलिस ने 2 नवंबर 1996 को अवैध तमंचा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल दिया था|
करीब 3 महीने बाद रामरतन जमानत पर छूटकर बाहर आए। इसके बाद जनपद की सीजेएम कोर्ट में रामरतन के विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई चली। करीब 24 साल बाद सीजेएम मनोज कुमार जाटव ने 9 सितंबर 2020 में रामरतन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। राज्य सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ने जिला जज कोर्ट में राम रतन के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पुनः करने की अर्जी लगाई।
27 जून को एक बार फिर बुजुर्ग रामरतन इस मुकदमे से बरी हो गए। इस तरह उन्हें 26 साल बाद कोर्ट से न्याय मिला है। बता दें कि रामरतन को न्याय मिलने और इस मुकदमे में कुल 400 तारीखें है और 26 साल लगे।
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