नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 9 जजों की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इनमें 8 जज और एक सुप्रीम कोर्ट के वकील शामिल हैं। इन नियुक्तियों के लिए सीजेआई एनवी रमना के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सिफारिश की थी। इनमें तीन महिला जज हैं। जिसमें, बीवी नागरत्ना शामिल हैं। कहा जा रहा है कि नागरत्ना भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं। बता दें कि 26 जनवरी 1950 में अस्तित्व में आये सुप्रीम कोर्ट के बाद से बहुत ही कम महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है। पिछले 71 सालों में अब तक केवल आठ महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है।
माना जा रहा है कि फाइलों को आगे की औपचारिकताओं और नियुक्तियों के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। अगर सब कुछ सही होता है तो सुप्रीम कोर्ट में जल्द नौ नए न्यायाधीश शपथ लेंगे। नौ नामों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के आठ जज और एक वकील शामिल हैं। इनमें कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका भी हैं, जो सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश हैं। गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली भी इस लिस्ट में शामिल हैं. हिमा कोहली हाईकोर्ट की एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं।
बता दें कि मंजूर किये गए नामों में तीन महिला जज हैं। इसमें जस्टिस नागरत्ना के 2027 में सीजेआई बन सकती हैं। 30 अक्टूबर 1962 को कर्नाटक में जन्मीं जस्टिस नागरत्ना पूर्व CJI ई. एस वेंकटरमैया की बेटी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंगलुरू से की थी। लिस्ट में शामिल दो अन्य महिला जजों के नाम हैं जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी। मालूम हो कि 26 जनवरी 1950 में अस्तित्व में आये सुप्रीम कोर्ट के बाद से बहुत ही कम महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है।
पिछले 71 सालों में अब तक केवल आठ महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। केरल हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति नागरत्ना, मद्रास HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.टी. रवि कुमार, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिंह का नाम सिफारिश में शामिल था। कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा जस्टिस यू.यू. ललित, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की बैठक 17 अगस्त को हुई थी। 34 जजों की स्वीकृत संख्या में से अभी सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 24 जज हैं। हालांकि नौ नए जजों की नियुक्ति के बाद भी एक सीट खाली रहेगी।