नमाज कक्ष: हेमंत सरकार का क्रूर चेहरा, बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज

विधानसभा का घेराव कर रहे नेताओं को मारने की कोशिश: मरांडी , बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष घायल

नमाज कक्ष: हेमंत सरकार का क्रूर चेहरा, बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज

रांची। झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए आवंटन किये गए कमरे  के विरोध में बीजेपी ने बुधवार को विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे  बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी  कि मुझे मारने की कोशिश की गई। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बांह पर गंभीर चोट आई है।

मरांडी ने कहा कि सरकार नियोजन नीति, बेरोजगारी, बेकारी पर चर्चा नहीं करना चाहती है। कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय के बाद भी सरकार इससे भाग रही है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। इसके बावजूद धर्म विशेष के लिए कमरा आवंटित किया गया है। विधानसभा में धर्म विशेष के लिए कमरा आवंटित करना सही नहीं हैं। अगर राज्य को मजहबी राज्य बनाने की कोशिश हुई तो पार्टी इसका विरोध करेगी। आज इसी के विरोध में राज्य भर के लोग विधानसभा घेराव करने पहुंचे हैं।
लाठीचार्ज के बाद पार्टी के बड़े नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि महिलाओं और निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया है। बीजेपी ने सिर्फ नमाज के लिए अलग कमरे के आदेश को वापस लेने की मांग करने जा रही थी।
इसके बाद हमला किया गया है। जुलूस में पार्टी के विधायकों और सांसदों के अलावा राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास खुद शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पहले ही स्पीकर को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वे अपना फैसला वापस लें। वापस नहीं लेने पर विधानसभा के गेट पर धरना देंगे। बाप-दादा की राजनीति नहीं संघर्ष की राजनीति किया हूं। बीजेपी के विधानसभा घेराव कार्यक्रम के मद्देनजर रांची में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अरगोड़ा चौक से लेकर विधानसभा तक हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पुरानी विधानसभा तक रोकने की तैयारी रही।
नहीं मानने पर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की गई है। शहीद मैदान में अस्थायी जेल बनाया गया है। बीजेपी का आरोप है कि राज्य सरकार हिंदू विरोधी निर्णय ले रही है। पार्टी ने हेमंत सोरेन पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार के इशारे पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय लिया है।

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