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Sunday, October 20, 2024
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तालिबान से नकवी बोले- यहां नमाज पढ़ने वालों पर नहीं चलती गोलियां

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नई दिल्ली। जिसका डर था वही हुआ। आखिरकार तालिबान ने कश्मीर पर दांव खेल ही दिया। तालिबान ने कहा है कि उसे कश्मीर सहित कहीं के भी मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। साथ में समूह ने यह भी जोड़ा है कि किसी भी  खिलाफ हथियार उठाने की नीति नहीं है। इसके जवाब में भारत ने भी सपनी प्रतिक्रिया दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वह हाथ जोड़कर तालिबान से अपील करते हैं कि वे भारत के मुसलमानों बख्श दें। उन्होंने आगे कहा है कि यहां मजिस्दों में नमाज पड़ने वालों पर गोलियां या बम से हमला नहीं किया जाता है। और न ही यहां लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जाता है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत का संविधान समावेशी विकास की गारंटी देता है, सभी के सहयोग की गारंटी देता है और देश उसी से संचालित होता है।  दरअसल, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा था कि मुसलमान होने के नाते उन्हें यह अधिकार है कि वह कश्मीर, भारत और किसी भी अन्य देश में मुसलमानों के लिए अपनी आवाज उठा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि वह आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुसलमान आपके अपने लोग हैं, आपके अपने नागरिक हैं। वे आपके कानूनों के तहत समान अधिकारों के हकदार हैं।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ेगी : भारत इस बात से चिंतित है कि अफगानिस्तान इस्लामिक आतंकवाद का केंद्र बन सकता है, जो अपनी तरह का पहला देश है। अतीत में, ISIS और अल कायदा ने भी एक राज्य स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। ऐसी आशंका है कि सुन्नी और वहाबी आतंकवादी समूह तालिबान को अपनी पनाहगाह बना देंगे। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर बढ़ती चिंताओं के बीच, भारत द्वारा इस क्षेत्र में सुरक्षा चौकसी बढ़ाने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों ने पिछले महीने बताया था कि कश्मीर में सुरक्षा चौकसी बढ़ाई जाएगी लेकिन, चीजें नियंत्रण में हैं और अफगानिस्तान में पाकिस्तान स्थित समूहों के पास स्थिति का उपयोग करने की क्षमता बहुत कम है।
अफगान पर भारत की नजर : अमेरिका दौरे पर गए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है…पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है, उसने ही तालिबान का समर्थन और पोषण किया है। ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं- इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य अफगानिस्तान की स्थिति पर निष्क्रिय हैं। हम (भारत) जमीन पर नहीं हैं, वहां कोई ऐसेट नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं, हम अफगानिस्तान में रुचि रखने वाले हर देश के संपर्क में हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका अफगानिस्तान में पाकिस्तान की गतिविधियों पर करीब से नजर रखे हुए हैं।

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