अमेरिका की चांद मिशन रेस में अब सबसे बड़ा झटका लग सकता है, NASA अपने सबसे बड़े निजी पार्टनर SpaceX से नाता तोड़ने पर विचार कर रहा है। एजेंसी के कार्यवाहक प्रमुख शॉन डफी (Sean Duffy) ने सोमवार (20 अक्तूबर)को कहा कि एलन मस्क की कंपनी के लगातार मिशन में देरी करने से अमेरिका की ‘मून रेस’ में चीन आगे निकल सकता है।
CNBC से बातचीत में डफी ने कहा,“वे अपनी समय-सीमाएँ बढ़ा रहे हैं, और हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं। इसलिए, मैं अनुबंध खोलने जा रहा हूँ। मैं अन्य अंतरिक्ष कंपनियों को स्पेसएक्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका दूँगा। NASA ने 2021 में SpaceX को 2.9 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया था ताकि वह Artemis III मिशन के लिए lunar lander तैयार करे, वही मिशन जिसमें अमेरिकी अंतरिक्षयात्री चांद पर उतरने वाले हैं। लेकिन अब तक Starship नामक यह प्रोजेक्ट कई असफल परीक्षणों से गुजर चुका है और लगातार देरी झेल रहा है।
पिछले एक साल से NASA के भीतर दबाव बढ़ता जा रहा है कि Artemis प्रोग्राम को गति दी जाए। डफी ने कहा, “वे उल्लेखनीय कार्य करते हैं, लेकिन वे समय से पीछे रहते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि यह मिशन जनवरी 2029 से पहले, यानी उनके मौजूदा कार्यकाल में पूरा हो जाए।
NASA की चिंता की जड़ चीन है। बीजिंग ने 2030 तक अपने पहले मानवयुक्त चांद मिशन का लक्ष्य तय किया है। अमेरिकी अधिकारियों को डर है कि यदि SpaceX ने गति नहीं बढ़ाई, तो चीन चांद पर उतरने वाला पहला देश बन सकता है जो 21वीं सदी में यह उपलब्धि हासिल करेगा।
एलन मस्क ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने X पर एक यूजर के पोस्ट पर लिखा, “स्पेसएक्स बाकी अंतरिक्ष उद्योग की तुलना में बिजली की तरह तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा, स्टारशिप ही पूरा चंद्र मिशन पूरा करेगा। मेरी बात पर ध्यान दीजिए।”
उनके इस बयान को उद्योग विशेषज्ञों ने NASA को आत्मविश्वास दिखाने की कोशिश बताया है, जबकि हकीकत में तीन फ्लाइट असफल हो चुकी हैं और कई उप-कक्षीय परीक्षण अब भी जारी हैं।
NASA पहले ही SpaceX के अलावा Amazon के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी Blue Origin के साथ भी समझौता कर चुका है, जो ‘Blue Moon’ लैंडर विकसित कर रही है। Blue Origin ने 2021 में NASA द्वारा सिर्फ SpaceX को चुने जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया था। कई साल की लॉबिंग के बाद अब वह “बैकअप पार्टनर” बन चुकी है।
अगर NASA वाकई SpaceX का कॉन्ट्रैक्ट खोल देता है, यानी अन्य कंपनियों को भी प्रतियोगिता में शामिल करता है, तो यह अमेरिकी स्पेस पॉलिसी में ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा। फिलहाल, अमेरिका की नज़रें अब Starship की अगली टेस्ट फ्लाइट पर टिकी हैं और यह तय करेगी कि एलन मस्क चांद की दौड़ में NASA के भरोसेमंद साथी बने रहेंगे या नहीं।
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