HSS का मुख्य उद्देश्य नेपाल में हिंदू समाज को संगठित करना, धर्मांतरण को रोकना और हिंदू पहचान को मजबूत करना है। यह संघ शाखाओं के माध्यम से युवाओं को हिंदू संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का प्रयास करता है। इनके कार्यक्रमों में शाखा, शारीरिक प्रशिक्षण, सांस्कृतिक गतिविधियां और प्रार्थना शामिल होती हैं, जो लगभग RSS की शैली से मेल खाते हैं।
हाल के वर्षों में HSS ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग तेज़ी से उठाई है। रामनवमी, हनुमान जयंती और अन्य धार्मिक आयोजनों में इसकी सक्रिय भागीदारी देखने को मिलती है। संघ का कहना है कि नेपाल की पहचान हिंदू राष्ट्र के रूप में ही सुरक्षित रह सकती है।
HSS सामाजिक सेवा कार्यों में भी योगदान देता है, जैसे प्राकृतिक आपदाओं में राहत, शिक्षा संबंधी कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर। संगठन युवाओं को नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने पर भी जोर देता है।
इतिहास पर नज़र डालें तो नेपाल में हिंदुत्व का प्रभाव काफी पुराना है। आधुनिक नेपाल के निर्माता पृथ्वी नारायण शाह ने नेपाल को “असली हिंदुस्तान” कहा था। 19वीं सदी में मराठी ब्राह्मणों के प्रभाव और 1925 में भारत में RSS की स्थापना ने नेपाल में भी हिंदुत्व की विचारधारा को गहराई से प्रभावित किया।
आज RSS और HSS भले ही औपचारिक रूप से अलग-अलग संगठन हों, लेकिन उनकी विचारधारा, शाखा संस्कृति और कार्यशैली लगभग समान है। यही वजह है कि नेपाल में हिंदुत्व की राजनीति को लगातार नई ऊर्जा मिल रही है।
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