नेताजी पर लगा ‘अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराधी’ का आरोप हटाया जाए: प्रपौत्री

नेताजी पर लगा ‘अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराधी’ का आरोप हटाया जाए: प्रपौत्री

नई दिल्ली। सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री और अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रिय अध्यक्ष राजश्री चौधरी ने कहा कि  हम आजादी की 75 वीं सालगिरह मना रहे हैं , लेकिन नेताजी पर लगे अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराधी का आरोप नहीं हटाया जा सका है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द से हटवाया जाए  नहीं तो संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाएंगी।

महासभा की अध्यक्ष ने वृन्दावन के रामकृष्ण मिशन परिसर स्थित स्वामी विवेकानन्द ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा कि यह बेहद दुखद है कि भारत सरकार नेताजी पर लगा ‘अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराधी’ होने का आरोप सात दशक बीत जाने के बाद भी नहीं हटवा पाई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मामले में ठोस पहल न की तो महासभा खुद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का दरवाजा खटखटाएगी। राजश्री ने कहा, ‘हम आजादी की 75वीं सालगिरह मनाने जा रहे हैं, लेकिन आज भी आजादी की लड़ाई के प्रमुख क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर ‘अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराधी’ होने का आरोप नहीं हटवा पाए हैं। दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध अपराधी दर्शाते हैं।
जो हम सभी के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत सरकार से इस मामले में अपेक्षित कार्यवाही किए जाने के साथ नेताजी को ‘राष्ट्रपुत्र’ एवं स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को ‘राष्ट्र परिवार’ घोषित करने की मांग करेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गलत इतिहास गढे जाने की वजह से लोग नाथूराम गोडसे को महात्मा गांधी का हत्यारा समझते हैं।
इसके लिए तत्कालीन जवाहरलाल नेहरु सरकार दोषी है। उन्होंने कहा कि गोडसे के गोली मारने के 45 मिनट बाद बापू की मौत हुई थी। राजश्री ने कहा कि अगर गांधी जी को समय पर उचित इलाज मिलता तो शायद उनकी मौत नहीं होती। राजश्री ने कोरोना वायरस महामारी को जैव रासायनिक युद्ध की उपज बताते हुए इसकी शुरुआत करने वालों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिह्नित कर सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को युद्ध अपराधी घोषित किया जाना चाहिए।
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