कुछ भारतीय पहलवानों ने ‘रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के प्रमुख बृजभूषण सिंह और अन्य प्रशिक्षकों द्वारा नाबालिग महिला पहलवानों के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में विनेश फोगट, बजरंग पुनिया समेत कई खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया|हालांकि इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण भारतीय कुश्ती टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने विरोध का आह्वान किया है|
आक्रोशित खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि जब तक बृजभूषण सिंह व अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती वे धरना नहीं छोड़ेंगे।इसके बाद आंदोलनरत खिलाड़ियों ने न्याय की गुहार लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट ने सात अन्य एथलीटों के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख सिंह के खिलाफ कानूनी मामला दायर करने की मांग की।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पहली भारतीय महिला पहलवान ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा, “जनवरी के महीने में यह मामला सामने आने के बाद महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था| समिति ने केंद्रीय खेल मंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि अभी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। साथ ही संबंधित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”
हम चाहते हैं कि महिला पहलवानों की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग लड़की है”, उन्होंने आगे कहा। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा कि बार-बार कोशिश करने के बावजूद सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है|
“हम न्याय मिलने तक यहीं खाएंगे और सोएंगे। हम तीन महीने से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। समिति के सदस्य हमें जवाब नहीं दे रहे हैं और न ही खेल मंत्रालय की ओर से कोई शब्द है। वे हमारा फोन भी नहीं उठाते। विनेश फोगट ने बताया कि हमने देश के लिए पदक जीते हैं और अपने करियर को दांव पर लगा दिया है।
यह भी पढ़ें-
Kochi Water Metro: अब पानी से चलेगी मेट्रो!, 25 को PM मोदी करेंगे उद्घाटन