यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल पेमेंट सर्विस शनिवार को अधिकांश यूजर्स के लिए ठीक हो गई और पहले की तरह काम करने लगी। इससे पहले इस सर्विस को लेकर कुछ समय तक देश भर में कई यूपीआई यूजर्स को परेशानी हो रही थी।
हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से अभी तक यूपीआई सर्विस के रिस्टोर होने की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में यूजर्स ने स्मार्टफोन ऐप के जरिए सफल डिजिटल पेमेंट की जानकारी दी है।
इससे पहले दोपहर में देश भर में कई ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म पर डिजिटल सेवाएं बाधित रहीं, जिससे खरीदारी, बिल भुगतान और बिजनेस लेनदेन को लेकर परेशानी आ रही थी।
आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं। यूपीआई सर्विस से जुड़ी 81 प्रतिशत सबसे ज्यादा शिकायतें पेमेंट को लेकर दर्ज की गईं। वहीं, 17 प्रतिशत शिकायतें फंड ट्रांसफर को लेकर दर्ज की गईं।
वहीं, एनपीसीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए ‘तकनीकी समस्याओं’ की जानकारी दी। इसमें यूपीआई लेनदेन में भी दिक्कतों का जिक्र किया गया था।
एनपीसीआई की ओर से आगे कहा गया था, “हम इस परेशानी को लेकर काम कर रहे हैं और आपको अपडेट करते रहेंगे। यूजर्स को हो रही असुविधा के लिए हमें खेद है।” यूपीआई सर्विस को लेकर एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे प्रमुख बैंकिंग ऐप भी प्रभावित हुए।
भारत में यूपीआई लेनदेन काफी लोकप्रिय है। यहां तक कि हर गुजरते महीने के दौरान इसने नया रिकॉर्ड बनाया है। एनपीसीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ने मार्च में 18.3 बिलियन लेनदेन की मात्रा दर्ज की, जबकि फरवरी में लेनदेन की मात्रा 16.11 बिलियन थी। लेनदेन की मात्रा को लेकर मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मार्च महीने में यूपीआई-आधारित लेनदेन का रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है। मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ यूपीआई लेनदेन ने मूल्य में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की।