नई दिल्ली। डेल्टा वेरिएंट के बाद कोरोना का नया वेरिएंट ‘लैम्ब्डा ने वैज्ञानिकों के चेहरे पर बल ला दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि 29 देशों में पाया गया है। जो काफी खतरनाक है। माना जा रहा है कि यह नया वेरिएंट दक्षिण अमेरिका में पहली बार मिला पाया गया था। जिस पर एंटीबॉडी का भी कोई असर नहीं होगा।
डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है कि संक्रमण का यह वेरिएंट कहीं दुनिया भर में न फैल जाए। हाल ही में डेल्टा वेरिएंट ने भी दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी। ब्रिटेन ने दावा किया है कि उसके देश में 11 दिन में मामले दोगुने हो गए और इसका जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पेरू में लैम्ब्डा वेरिएंट का ज्यादा असर पाया गया। पेरू में अप्रैल 2021 से लेकर अब तक 81 फीसदी कोरोना मामले इसी वेरिएंट से जुड़े हुए हैं। उधर चिली में पिछले 60 दिनों में सबमिट किए गए मामलों में से 32 प्रतिशत मामलों यह वेरिएंट पाया गया है। अर्जेंटीना और इक्वाडोर जैसे अन्य देशों में भी इस वेरिएंट के कई मामले दर्ज किए गए हैं। इन्हें मिलाकर कुल 29 देशों में इस वैरिएंट के मामले मिले हैं। लैम्ब्डा वेरिएंट म्यूटेट होता है जो संक्रमण क्षमता को बढ़ा सकता है। साथ ही संक्रमण के इस स्वरूप के सामने एंटीबॉडी भी असर नहीं करेगा। संगठन ने कहा कि लैम्ब्डा वेरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक स्टडी की जरूरत है।