जानकारी के अनुसार, जवान मोती राम जाट जासूसी में सक्रिय रूप से शामिल था। वह 2023 से पाकिस्तानियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था। एनआईए ने कहा कि एजेंसी यह भी पता लगाने में कामयाब रही है कि वह विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तानी अधिकारियों से पैसे प्राप्त करता था।
मोती राम जाट की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, एनआईए ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में एक विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जिन्होंने उसे 6 जून तक की हिरासत में भेज दिया। एनआईए ने उसकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत को बताया कि सीआरपीएफ जवान से उन लोगों के बारे में पूछताछ की जानी है, जिनसे वह मिलता था। जांचकर्ताओं ने जासूसी में कथित रूप से शामिल उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए उसे अन्य शहरों में ले जाने की मंशा भी जताई।
सीआरपीएफ जवान की गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों द्वारा पिछले करीब एक महीने से पाकिस्तानी जासूसों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का हिस्सा है। हाल ही में हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश से 11 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए, खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया अधिकारियों ने अब तक मल्होत्रा से पूछताछ की है।
ज्योति मल्होत्रा एक यूट्यूब चैनल चलाती थी। उसके खिलाफ 16 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
खबरों की मानें तो वह नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को निष्कासित कर दिया था।
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