27 C
Mumbai
Saturday, November 23, 2024
होमदेश दुनियाकश्मीर में मारे गए निर्दोष नागरिकों की जांच करेगी NIA! 30 साल बाद...

कश्मीर में मारे गए निर्दोष नागरिकों की जांच करेगी NIA! 30 साल बाद लाल चौक

Google News Follow

Related

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में निर्दोष नागरिकों पर आतंकियों द्वारा लगातार किए जा रहे हमले को लेकर बड़ा फैसला लिया। सरकार ने इन हत्याओं की जांच एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा जल्द इससे जुड़ा आदेश जारी किया जा सकता है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार आतंकी निर्दोष कश्मीर में अल्पसंख्यकों और नागरिकों को निशाना बना रहे है। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने पिछले दिनों पीओके में आतंकी संगठनों से मुलाकात कर कश्मीर में नागरिकों सहित बीजेपी और आरएसएस नेताओं को निशाना बनाने के लिए कहा गया है। वहीं, आतंकियों की हिट लिस्ट में लगभग दो सौ लोगों को टारगेट करने को कहा गया है।
 
हत्याओं के मामलों में एफआईआर दर्ज: फार्मेसी चलाने वाले माखनलाल बिंदरू, गैर-कश्मीरी वीरेंद्र पासवान, स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और टीचर दीपक चंद समेत कई लोगों की हत्याओं के मामलों में दर्ज एफआईआर पर आगे की कार्रवाई केंद्रीय एजेंसी संभाल सकती है। जम्मू-कश्मीर और केंद्र की सरकार का मानना है कि हाल के दिनों में नागरिकों पर बढ़े हमले किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। इन घटनाओं में पाक समर्थित द रेजिस्टेंस फोर्स और अन्य आतंकी संगठनों का हाथ सामने आया है। पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि एनआईए को इन हमलों के बारे में पहले से ही कुछ जानकारी है। बीते कुछ दिनों में आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के लिए एजेंसी ने बड़े पैमाने पर छापेमारियां की हैं। यही नहीं एजेंसी ने कई लोगों को आतंकवाद से जुड़े होने के सिलसिले में गिरफ्तार भी किया है। एजेंसी ने बीते एक सप्ताह में ही द रेजिस्टेंस फोर्स से जुड़े 9 लोगों को अरेस्ट किया है। इस संगठन पर ही इन हमलों में शामिल होने का आरोप लगा है।
दो दर्जन ठिकानों पर छापेमारी: एनआईए ने दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी के बाद इन लोगों को अरेस्ट किया था।अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने यह साजिश रची है ताकि कश्मीर में शांति को भंग किया जा सके और इन्वेस्टर्स को हतोत्साहित किया जा सके। अब तक नागरिकों की हत्याएं नहीं होती थीं, लेकिन इस नए ट्रेंड ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस बीच होम मिनिस्टर अमित शाह ने सभी एजेंसियों को मौजूदा हालातों से सख्ती के साथ निपटने का आदेश दिया है। अलग-अलग एजेंसियों के साथ अमित शाह ने कई समीक्षा बैठकें की हैं। अकेले अक्टूबर महीने में ही आतंकियों ने घाटी में 11 नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया है। बाहरी लोगों पर भी हमले बढ़े हैं। इसके चलते प्रवासी मजदूरों ने घाटी और आसपास के इलाकों से पलायन करना शुरू कर दिया है।
लाल चौक पर 30 साल बाद महिलाओं की तलाशी: वहीं, लगातार नागरिकों की हत्या कश्मीर में चौकसी बड़ा दी गई है। बताया जा रहा है लाल चौक पर 30 साल में ऐसा पहली बार हो रहा महिला सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा महिलाओं की तलाशी ली जा रही है। इधर ख़ुफ़िया एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर 370 धारा हटाए जाने के बाद वहां का जनजीवन सामान्य हो चूका है। जिससे देखकर पाकिस्तान को सहन नहीं हो रहा है। और बौखलाहट में उसने आतंकी साजिश रच रहा है।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,297फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
193,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें