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Wednesday, December 10, 2025
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नीति आयोग: भारत को सर्विस से प्रोडक्ट आधारित मॉडल की तरफ होना चाहिए शिफ्ट !

सारस्वत ने डीपटेक स्टार्टअप को सपोर्ट करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "भारत को सर्विस आधारित से प्रोडक्ट आधारित इंडस्ट्री मॉडल की ओर बदलाव करना चाहिए।"

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भारत को सर्विस आधारित मॉडल से प्रोडक्ट आधारित मॉडल की तरफ शिफ्ट होना चाहिए। यह बयान नीति आयोग के सदस्य (साइंस और टेक्नोलॉजी) वीके सारस्वत ने दिया। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर में गिफ्ट सिटी में आयोजित एक नेशनल वर्कशॉप में कहा कि भारत को इनोवेशन के क्षेत्र में स्वयं को मजबूत करना होगा।

सारस्वत ने डीपटेक स्टार्टअप को सपोर्ट करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “भारत को सर्विस आधारित से प्रोडक्ट आधारित इंडस्ट्री मॉडल की ओर बदलाव करना चाहिए।” इसके अतिरिक्त, सारस्वत ने देश में रिसर्च, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही पहलों के बारे में बताया।

वर्कशॉप का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों, अकादमिक लीडर्स, औद्योगिक विशेषज्ञों, स्टार्टअप संस्थापकों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित प्रमुख पक्षकारों के बीच संवाद और नॉलेज शेयरिंग को सुविधाजनक बनाना था।

विभिन्न क्षेत्रों में तालमेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित वर्कशॉप में अनुसंधान एवं विकास में निवेश, इनोवेशन पर राज्य की नीतियां, ग्लोबल इनोवेशन ट्रेंड और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

इसके अतिरिक्त सारस्वत ने कहा कि भारत में इनोवेशन को बढ़ाने में सरकारी संस्थाओं, अकादमी और उद्योगों की अहम भूमिका होगी। वहीं,आईएएस मोना खंडार ने नीतिगत पहलों द्वारा संचालित एक मजबूत इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए गुजरात की प्रतिबद्धता के बारे में बात की।

उन्होंने आगे साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति, गुजरात सेमीकंडक्टर नीति, गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति और गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति सहित विभिन्न रणनीतिक नीतियों के माध्यम से स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहलों के बारे में बताया।

इसके अलावा, वर्कशॉप में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के लीडर्स द्वारा कई इंटरैक्टिव चर्चाएं भी आयोजित की गईं।

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के डॉ. साचा वुन्श-विंसेंट ने कहा, “भारत का आईपी प्रोफाइल छोटा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है और देश निकट भविष्य में अधिक साइंस एवं टेक्नोलॉजी क्लस्टर जोड़ेगा।”

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