मॉब लिंचिंग मानव समाज के लिए नासूर बनता जा रहा है| आये दिन धर्मांधों द्वारा किसी न किसी बेगुनाह की सामूहिक रूप से हत्या करने का मामला आता ही रहता है| इसके बावजूद भी सरकार की ओर से इन धर्मांधों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं जाती है, जिसके कारण इनके द्वारा मात्र धर्म की आड़ में लोगों की बेरहमी से हत्या की घटना अंजाम दिया जाता आ रहा है| इसी तरह के एक मामले में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित खानेवाल जिले के एक गांव का है। यहां लोग नमाज के लिए इकट्ठे हुए थे, तभी एक व्यक्ति ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़ दिया और उनमें आग लगा दी। इससे गुस्साए लोगों ने उस शख्स पर हमला कर दिया।
कुरान का अपमान करने से गुस्से में आए लोगों ने पहले व्यक्ति को जमकर पीटा, फिर उसे एक पेड़ से लटका दिया। मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई और आरोपी पर पथराव शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि पथराव से पहले ही पुलिस वहां पहुंच गई थी और आरोपी को हिरासत में ले लिया, लेकिन भीड़ ने उसे पुलिस की कस्टडी में ही पकड़ लिया। इस दौरान वह खुद को बेगुनाह बताकर लोगों से मदद मांगता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं मानी। उस पर तब तक पत्थर फेंके गए जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। इस घटना की तस्वीर सोशल मिडिया पर वायरल होने के बाद से पाकिस्तान सरकार की आलोचना शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में धार्मिक अपमान के नाम पर मॉब लिंचिंग होना आम बात है। साल 1947 में बंटवारे के बाद से अब तक पाकिस्तान में किसी धर्म का अपमान करने के कुल 1,415 मामले दर्ज हो चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1947 से 2021 तक किसी धर्म या धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने के आरोप में 18 महिलाओं और 71 पुरुषों की हत्या की गई। थिंक टैंक का कहना है कि यह आधिकारिक डेटा है,जबकि असली संख्या इससे काफी ज्यादा है ।
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