तिरुवनन्तपुरम। कोरोना महामारी में मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन इसे लगाए रहने से बातचीत में काफी परेशानी होती है।अब इस समस्या का हल केरल के एक छात्र ने ढूंढ निकाला है। छात्र ने माइक और स्पीकर वाला स्पेशल मास्क बनाया है। यह छात्र त्रिशूर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा है।
केविन के अनुसार उसके माता-पिता डॉक्टर हैं और उन्हें कोरोना काल में मरीजों से बातचीत करने में ज्यादा परेशानी होती थी।इसे देखकर दिमाग में आइडिया आया कि क्यों कुछ अलग किया जाये। मास्क डिजाइन करने वाले छात्र केविन जैकब ने बताया कि उन्हें मास्क और फेस शील्ड की कई लेयर के चलते खुद को स्पष्ट करना बहुत मुश्किल था। इसलिए उन्होंने कुछ नया करने सोचा। उसने अपने माता-पिता डॉ. सेनोज केसी और डॉ। ज्योति मैरी जोस के साथ पहले प्रोटोटाइप का टेस्ट किया। जब मांग बढ़ने लगी तो उसने और बनाने शुरू कर दिये।
ऐसे होता है इस्तेमाल
इस मास्क को उपयोग करने वाले डॉक्टर ने बताया कि जो उपकरण हम मास्क पर लगा रहे हैं,उसको आधे घंटे चार्ज करने के बाद पांच से छह घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस उपकरण को मास्क से जोड़ने के लिए चुंबक का उपयोग किया जाता है। बात करने में आसानी होती कोई ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है। वहीं मरीजों से आसानी से बातचीत की जा सकती है।
कंपनियों की है तलाश
अब केविन इसे बढ़े पैमाने पर बनाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, इसलिए वे एक ऐसी कम्पनी की तलाश में हैं जो बड़े पैमाने इसे बना सके।केविन का कहना कि उसने 50 से अधिक ऐसे डिवाइस बनाए हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से दक्षिण भारत में डॉक्टर्स कर रहे हैं।मास्क से कई लोगों बात करने में सहूलियत है,जिसकी वे तारीफ कर रहे हैं।