जाने NSE के शिखर की कहानी! जिसकी तकनीक का US भी मानता है लोहा

एनएसई के सीईओ आशीष चौहान ने बताई एनएसई की सफर गाथा      

जाने NSE के शिखर की कहानी! जिसकी तकनीक का US भी मानता है लोहा

एनएसई (NSE) के सीईओ (CEO) और प्रबंध निदेशक आशीष चौहान ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए कहा कि आज नेशनल स्टॉक और एनएसई की स्थापना के 28 साल हो गए हैं। लेकिन, आने वाले समय में यह संस्था और भी समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा जो तकनीक इस्तेमाल की जाती है,वह कहीं भी उपलब्ध नहीं है, इसलिए अमेरिका (US) जैसे देश को लगता है कि यह तकनीक ज्यादा सुरक्षित है। उन्होंने इस दौरान एनएसई के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को रेखांकित किया।

 अब 7.5 करोड़ लोग: उन्होंने कहा कि 1994 से लेकर अब तक,यानी जब एनएसई (NSE) की शुरुआत की गई तब भारत ने इसमें चार लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन, 28 साल बाद यह चार लाख करोड़ से बढ़कर 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर रुपये की बात करें तो यह 80 गुना बढ़ गया है। तब 30 से 50 लाख लोग ही इसमें निवेश कर रहे थे, लेकिन अब मेरे पास 7.5 करोड़ लोगों का पैन नंबर पंजीकृत है।
मै एनएसई की स्थापना टीम का हिस्सा था: उन्होंने कहा कि, एनएसई (NSE) के जरिये 5 करोड़ परिवार इसमें निवेश करता है, जबकि 17 फीसदी लोग इससे जुड़े हुए हैं। वहीं, 3.6 ट्रिलियन डॉलर का यह निवेश भारत के कुल निवेश का एक तिहाई है। आशीष चौहान ने कहा कि,इतना ही नहीं, ऐसे बहुत से लोग है जो एक दूसरे के बारे में कुछ भी नहीं जानते है, बावजूद इसके वे शेयर बाजार में निवेश करते हैं। उन्होंने कहा कि हर्षद मेहता स्कैम के बाद सरकार एक नया स्टॉक एक्सचेंज चाहती थी, जिसमें स्टॉक ब्रोकर शामिल न हो। मै उसके लिए नियुक्त पांच लोगों में था, मै एनएसई की स्थापना वाली टीम का हिस्सा रहा हूं।
शेयर बाजार को राष्ट्र निर्माण में शामिल किया: उन्होंने कहा आजादी के बाद हमने समाजवादी अर्थव्यवस्था पर जोर दिया। जो राष्ट्र निर्माण में शामिल नहीं था। लेकिन जब 1991 आर्थिक सुधार नीति आई तब यह विचार आया कि कैसे शेयर बाजार को राष्ट्र निर्माण में शामिल किया जाए। आज स्थितियां बदल गई है। आज यह विचार किया जाता है कि कैसे एनएसई के जरिये पूंजी एकत्रित की जाए या नौकरियां पैदा कर सकते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी ने विश्वास दिलाया: उन्होंने कहा कि भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के आने के बाद से एनएसई ने विश्वास दिलाया कि भारत भी सबकुछ कर सकता है और नए आयाम को छू सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी एक प्रकार से भारत के लिए क्रांति थी। आज हम ई भुगतान, ई गवर्नेंस का नाम सुनते है और उसे अपना भी रहे हैं, लेकिन ई कॉमर्स का आंदोलन तभी शुरु हो चुका था। भले ई कॉमर्स का शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था, लेकिन इससे विश्वास में बढ़ोत्तरी हुई।
अब 3.8 ट्रिलियन का निवेश: उन्होंने कहा कि एनएसई निफ्टी को 1995 में लांच किया गया था। तब इसका सूचकांक 1000  हजार था,लेकिन आज 19 हजार 300 हो गया है। अब 3.8 ट्रिलियन का निवेश है। जैसे जैसे तकनीक का दखल होता गया वैसे वैसे हमने अच्छा काम किये। आने वाले 25 सालों में अच्छा करेंगे। उन्होंने कहा कि जब एनएसई की शुरुआत हुई थी तब हमने यह नहीं सोचा था कि हम लोग इतने प्रगति करेंगे। लेकिन आज हम लोग ने असंभव को संभव कर दिखाया है।
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