भारतीय सेना द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं। यह अभियान विशेष रूप से आतंकवाद और उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने के लिए शुरू किया गया था।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया कदम:
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर के सुनैल गांव में युवतियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत 20 युवा लड़कियों को एक बेसिक कंप्यूटर कोर्स कराया गया, साथ ही उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए।
बेसिक कंप्यूटर कोर्स कराने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना और युवतियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। इस ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद सभी प्रतिभागियों को नेशनल कंप्यूटर लिटरेसी प्रोग्राम के तहत प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। यह पहल न केवल लड़कियों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि उन्हें भविष्य में बेहतर करियर अवसरों के लिए भी सुनिश्चित करती है।
छात्रा सुहानी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत हमें 45 दिनों तक कंप्यूटर कोर्स कराया गया। इस दौरान कई बेसिक चीजों को सिखाया गया। इस प्रोग्राम में सबसे अहम योगदान हमारे टीचर और भारतीय सेना का रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी कंप्यूटर नहीं देखा था, लेकिन ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत न केवल कंप्यूटर देखने को मिला, बल्कि हमने इसे सीखा भी।
छात्रा सुनीता भगत ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि कंप्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है और इससे कई काम आसानी से किए जा सकते हैं। टीचर सतपाल ने भी भारतीय सेना का आभार जताते हुए कहा कि गरीब बच्चियों के लिए 45 दिनों तक चले इस कोर्स से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आएगा।
ऑपरेशन सद्भावना के प्रमुख पहलू:
भारतीय सेना स्कूलों का निर्माण और संचालन करती है, जहां स्थानीय बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। कई बच्चों को छात्रवृत्तियां भी प्रदान की जाती हैं। गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाते हैं, जिसमें मुफ्त इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। सड़कों, पुलों, सामुदायिक केंद्रों और अन्य आवश्यक संरचनाओं का निर्माण किया जाता है। स्थानीय युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों, खेल गतिविधियों और करियर काउंसलिंग के माध्यम से मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाता है। महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जाता है।
भारतीय सेना की यह पहल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास को गति देने के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं के लिए नए अवसर सृजित कर रही है। इस अभियान के तहत भारतीय सेना स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करती है ताकि आतंकवाद के प्रभाव को कम किया जा सके और क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
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