पाकिस्तान ने हाल ही में यूनाइटेड किंगडम से अपने दो राजनीतिक शरणार्थियों को सौंपने की औपचारिक मांग की है और इसके बदले ब्रिटेन में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी मूल के गूमिंग गैंग यौन अपराधियों को वापस लेने की पेशकश की है। यह प्रस्ताव पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसीन नक़वी ने 4 दिसंबर को ब्रिटिश हाई कमिश्नर जेन मैरियट के साथ हुई बैठक में रखा।
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान जिन दो व्यक्तियों को वापस चाहता है, वे दोनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाते हैं। शहजाद अकबर इमरान खान के कार्यकाल में एडवाइज़र ऑन अकाउंटेबिलिटी रहे और आदिल राजा, जो एक पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी और वर्तमान में यूके-स्थित राजनीतिक कमेंटेटर व यूट्यूबर है।
पाकिस्तान का दावा है कि दोनों एंटी-स्टेट प्रोपेगेंडा फैलाने और देश के संस्थानों को बदनाम करने के आरोपों में वांछित हैं। दोनों ही इन आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए खारिज कर चुके हैं। हालाँकि बैठक को औपचारिक रूप से सुरक्षा सहयोग और फेक न्यूज़ का मुकाबला जैसे विषयों पर बनाई गई चर्चा बताया गया, लेकिन मीडिया रिपोर्टों ने संकेत दिया कि मुख्य उद्देश्य एक एक्सचेंज-डील को अंतिम रूप देना था।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस बात पर सहमत हो रहा है कि वह ब्रिटेन द्वारा नागरिकता रद्द किए गए पाकिस्तानी मूल के उन यौन अपराधियों को वापस ले लेगा, जिन्हें “गूमिंग गैंग” मामलों में दोषी ठहराया गया था। इसके बदले वह चाह रहा है कि यूके शहजाद अकबर और आदिल राजा को पाकिस्तान के हवाले करे।
इन्हीं मामलों को लेकर ब्रिटिश सरकार कई वर्षों से पाकिस्तान पर दबाव डाल रही है, लेकिन इस्लामाबाद अब तक इन अपराधियों को अपने नागरिक के रूप में स्वीकार करने से इनकार करता आया था। बैठक के आधिकारिक रीडआउट के अनुसार, गृह मंत्री नक़वी ने ब्रिटिश हाई कमिश्नर से कहा, “दोनों व्यक्ति पाकिस्तान में वांछित हैं और उन्हें जल्द से जल्द सौंपा जाना चाहिए।”
उन्होंने यह दावा भी किया कि दोनों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान ने पर्याप्त सबूत उपलब्ध करवा दिए हैं। नक़वी ने कहा कि पाकिस्तान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है, लेकिन फेक न्यूज़ हर देश के लिए समस्या है और विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों को राज्य और उसके संस्थानों को बदनाम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यूके सरकार वर्षों से रॉचडेल गूमिंग गैंग के सदस्यों को निष्कासित कर पाकिस्तान भेजना चाहती है, जिनकी ब्रिटिश नागरिकता 2012 में यौन शोषण व मानव तस्करी के दोष सिद्ध होने के बाद रद्द कर दी गई थी। पाकिस्तान ने लंबे समय तक इन्हें अपनी नागरिकता देने से इनकार किया।
हाल ही में आए एक नेशनल ऑडिट ऑन ग्रुप-बेस्ड चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन ने बताया है कि रॉदरहैम में 64% बाल यौन शोषण के मामलों में 4% पाकिस्तानी आबादी जिम्मेदार थी, जिससे यह मुद्दा ब्रिटेन में फिर चर्चा का केंद्र बन गया है। हालाँकि ब्रिटिश सरकार ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञ इसे एक संवेदनशील राजनयिक विनिमय मान रहे हैं, जिसका असर यूके–पाकिस्तान संबंधों और दोनों देशों की प्रत्यर्पण नीतियों पर पड़ सकता है।
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