ऑपरेशन सिंदूर में तगड़ी मार खाने के बावजूद पाकिस्तान एक बार फिर उसी जिहाद के रास्ते पर लौटता दिखाई दे रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर वह औपचारिक रूप से छोड़ने का दावा करता रहा है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन खुद को फिर से संगठित करने में जुट गए हैं। इस बार इन संगठनों की रणनीति में एक नया और चिंताजनक आयाम जोड़ा है, जो है महिलाओं की सक्रिय भागीदारी। हाल के वायरल वीडिओ में पीएम मोदी को भी गाने के जरिए धमकी दी गई है।
हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान के सियालकोट स्थित तलवाड़ा मुगलान इलाके में अपनी महिला विंग के लिए इंट्रा-पार्टी चुनाव कराए। इस चुनाव से जुड़े वीडियो फुटेज NDTV मीडिया ने प्रसारित किए, जिनमें महिला कैडर की संगठित गतिविधियां देखी जा सकती हैं। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत माना जा रहा है कि आतंकी संगठन अब महिलाओं को केवल सहायक भूमिका में नहीं, बल्कि एक संगठित कैडर के रूप में तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
पाकिस्तान में सियालकोट के तलवाड़ा मुगलान में लश्कर-ए-तैयबा की महिला विंग ने इंट्रा-पार्टी चुनाव करवाए हैं. इस चुनाव का वीडियो फुटेज आया सामने#Pakistan | #LashkarETaiba pic.twitter.com/gGK66QYDrO
— NDTV India (@ndtvindia) December 12, 2025
लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की भूमिका इस पूरी रणनीति के केंद्र में बताई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हाफिज सईद अपने नापाक मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं और लड़कियों को वैचारिक रूप से प्रभावित करने पर विशेष जोर दे रहा है। इसी क्रम में लश्कर से जुड़े धार्मिक नेटवर्क ने पाकिस्तान में महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है, जिसका नाम अल्फियातुल जिहाद फी सबीलिल्लाह बताया गया है।
पाकिस्तान इस ऑनलाइन कोर्स के जरिए महिला ब्रिगेड का व्यवस्थित ब्रेनवॉश किया जा रहा है। क्लास का संचालन ‘हजरत मौलाना मोहम्मद’ यानी हाफिज सईद के मार्गदर्शन में बताया जा रहा है, जबकि उसकी बहनें महिलाओं को जिहाद की विचारधारा से परिचित कराती हैं। एजेंसियों का मानना है कि यह पहल महिला कैडर तैयार करने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, ताकि समुदाय के भीतर गहरी पैठ बनाई जा सके और जमीनी स्तर पर कट्टरपंथ को फैलाया जा सके।
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, दोनों ही संगठन अब “आधी आबादी” यानी महिलाओं पर फोकस बढ़ा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुरीदके में लश्कर के मुख्यालय के ध्वस्त होने के बाद, ऐसे प्रशिक्षण और वैचारिक केंद्र अलग-अलग शहरों में खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों को ISI और पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में संचालित किए जाने की आशंका भी जताई जा रही है।
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