पाकिस्तान के दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा (KP) से मंगलवार(26 अगस्त) को पोलियो के दो नए मामले सामने आए हैं। इस तरह साल 2025 में देशभर में अब तक कुल 23 बच्चे इस बीमारी से प्रभावित पाए गए हैं। यह जानकारी इस्लामाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) के रीजनल रेफरेंस लेबोरेटरी फॉर पोलियो इराडिकेशन ने दी।
नवीनतम मामलों में टैंक जिले के मुल्लाजई यूनियन काउंसिल की 16 महीने की बच्ची और उत्तर वज़ीरिस्तान के मीरानशाह-3 यूनियन काउंसिल की 24 महीने की बच्ची शामिल हैं।
NIH के बयान के मुताबिक, “इस साल अब तक पाकिस्तान में कुल 23 पोलियो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 15 मामले खैबर पख्तूनख्वा से, 6 सिंध से, और 1-1 मामला पंजाब व गिलगित-बाल्टिस्तान से है।” पोलियो एक बेहद संक्रामक और लाइलाज बीमारी है, जो बच्चों को जीवनभर के लिए लकवाग्रस्त कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि “बार-बार दी जाने वाली ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) और समय पर सभी नियमित टीकाकरण ही इसका एकमात्र प्रभावी बचाव है।”
राष्ट्रीय और प्रांतीय इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर्स (EOCs) ने आश्वासन दिया है कि बच्चों तक उच्च-गुणवत्ता वाले टीकाकरण अभियानों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। NEOC ने आगामी लो-ट्रांसमिशन सीज़न के दौरान बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान की योजना बनाई है। इसका पहला चरण 1 से 7 सितंबर तक देशभर में चलेगा, जबकि दक्षिणी KP में यह 15 सितंबर से शुरू होगा। इस दौरान पांच साल से कम उम्र के 2.8 करोड़ से अधिक बच्चों को पोलियो की खुराक देने का लक्ष्य है।
बयान में कहा गया, “उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा पोलियो से सुरक्षित रहे और मौजूदा सुरक्षा खामियों को दूर किया जा सके। इसके लिए माता-पिता और अभिभावकों से अपील की जाती है कि वे अपने बच्चों को हर अभियान में पोलियो की खुराक दिलवाएं।”
बयान में यह भी जोड़ा गया कि “पोलियो उन्मूलन सामूहिक जिम्मेदारी है। जहां एक ओर स्वास्थ्यकर्मी कठिन इलाकों में जाकर टीके पहुंचा रहे हैं, वहीं माता-पिता और समुदाय का भी कर्तव्य है कि वे गलतफहमियों का मुकाबला करें और सभी बच्चों को टीका दिलाने के प्रयासों में सहयोग करें।”
पिछले हफ्ते ही KP के कोहिस्तान जिले में छह साल की बच्ची और सिंध के बादिन जिले में 21 महीने की बच्ची में पोलियो वायरस पाया गया था। इस महीने की शुरुआत में किए गए परीक्षणों में भी 87 जिलों से लिए गए नमूनों में से 36 प्रतिशत में पोलियो वायरस की मौजूदगी पाई गई थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के वे दो देश हैं जहां पोलियो अब भी एंडेमिक यानी स्थानीय रूप से मौजूद है। सुरक्षा चुनौतियां, वैक्सीन को लेकर झिझक और अफवाहें इस बीमारी के उन्मूलन की राह में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
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