चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने बताया कि 28 मार्च की अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी जबकि, 3 अप्रैल को डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा ख़ारिज कर दिया गया जो असंवैधानिक है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का नेशनल असेंबली को भंग करना भी असंवैधानिक फैसला था।
अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले वोटिंग से पहले ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने उसे ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद इमरान खान द्वारा दी गई सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले पर सुनवाई की। चार दिन चली सुनवाई में पांच बेंचों के जजों ने 5 -0 से फैसला सुनाया। अब कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान संसद में पहले वाली स्थिति बहाल हो गई है। इसके अलावा सांसदों के पद भी बहाल हो गए।