पाकिस्तान में सोमवार (13 अक्तूबर) को स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई, जब अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई और कट्टरपंथी धार्मिक संगठन के देशव्यापी प्रदर्शनों ने निवेशकों के बीच भारी अनिश्चितता पैदा कर दी। कारोबारी हफ्ते के पहले दिन कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE) का KSE-100 इंडेक्स शुरुआती सत्र में करीब 3,000 अंक लुढ़क गया।
शुक्रवार को 1,63,000 अंकों पर बंद हुआ सूचकांक सोमवार को खुलते ही 1,60,126 तक गिर गया। यह गिरावट पूरे दोपहर तक जारी रही, जिससे बाजार में भय का माहौल बन गया।
Capital Investments के वित्तीय विश्लेषक इंतिखाब अली ने बताया कि पिछले सप्ताह से ही बाजार में नकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा था। “राजनीतिक अस्थिरता और IMF प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान से लौटने के बाद से निवेशकों में विश्वास की कमी देखी जा रही है,” उन्होंने कहा।
पिछले सप्ताह KSE-100 इंडेक्स में लगभग 7,000 अंकों की गिरावट आई थी, और बाजार लगातार ‘रेड ज़ोन’ में कारोबार कर रहा था। इंतिखाब अली के अनुसार, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता ने भी सोमवार को निवेशकों की धारणा को और कमजोर किया।
KSE इंडेक्स ने हाल ही में 1,69,000 अंकों का रिकॉर्ड स्तर छुआ था, लेकिन उसके बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बाज़ार विश्लेषक कमाल अनवर ने कहा, “यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गिरावट केवल ‘करrection’ है या निवेशकों के विश्वास में स्थायी कमी की शुरुआत। हालांकि ऑटो सेक्टर के शेयर आज ऊंचे दामों पर कारोबार कर रहे हैं, लेकिन समग्र भावना नकारात्मक है।”
अफगानिस्तान सीमा पर बढ़ते सैन्य तनाव और पाकिस्तान के कई शहरों में जारी उग्र प्रदर्शनों ने निवेश माहौल को झटका दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक विरोध जारी रहे, तो बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है।
इस तेज गिरावट के बाद विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द ही स्थिरता बहाल करने में असफल रहती है, तो विदेशी निवेशक पूंजी निकाल सकते हैं, जिससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था को और गहरा झटका लग सकता है।
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