जानिए कौन है लेखक तारिक फतेह, जो जन्मे पाकिस्तान में लेकिन प्यार था भारत से!

तारिक फतेह हमेशा से पाकिस्तान के कट्टर आलोचक रहे।

जानिए कौन है लेखक तारिक फतेह, जो जन्मे पाकिस्तान में लेकिन प्यार था भारत से!

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और पत्रकार तारिक फतेह का 73 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। वे काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नताशा ने ट्वीट करके दी। नताशा ने ट्वीट कर लिखा कि पंजाब के शेर, हिन्दुस्तान के बेटे, कनाडा के प्रेमी, सत्य के वक्ता और न्याय के योद्धा का निधन हो गया है। उनकी क्रांति उन लोगों के जरिए बनी रहेगी, जो उन्हें जानते थे और प्यार करते थे।

बता दें कि तारिक फतेह का परिवार मुंबई का रहने वाला था। 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो  उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में जाकर बस गया। जहां 20 नवंबर साल 1949 को कराची में तारिक फतेह का जन्म हुआ। मशहूर लेखक तारिक फतेह ने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में उन्होंने पत्रकारिता को अपना पेशा बनाया।

तारिक फतेह हमेशा से पाकिस्तान के कट्टर आलोचक रहे। उन्होंने कई मौकों पर पाकिस्तान को आईना दिखाने का काम किया। भारत और हिंदुओं के प्रति उनका रुख हमेशा से सकारात्मक रहा। हर बड़े मुद्दे पर वे अपना विचार रखते थे। इस्लाम की कुछ परंपराओं को लेकर उनके विचार विवाद में भी रहे।  कई मुद्दों पर उन्होंने भारत का समर्थन किया। उन्होंने कई बार मोदी सरकार की भी सराहना की थी। एक बयान में उन्होंने कहा था कि मोदी ने बिना एक गोली चलाए पाकिस्तान को भुखमरी की हालत पर ला दिया।

तारिक फतेह हमेशा मजहबी कट्टरता के खिलाफ रहे। वह भारतीय संस्कृति को एकता का सूत्र मानते थे। उन पर पाकिस्तानी आतंकियों ने कई बार हमला किया, लेकिन वह डरे नहीं, बल्कि और बेबाकी से अपनी राय रखते रहे। खोजी पत्रकारिता के कारण वे कई बार जेल भी गए। हालांकि बाद में तारिक पाकिस्तान छोड़ कर सऊदी अरब चले गए। जहां से 1987 में वे कनाडा में बस गए। हालांकि, बीच-बीच में उनका भारत आना होता रहता था।

उन्होंने कनाडा में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और टेलीविजन होस्ट के रूप में काम किया है और कई किताबें लिखी हैं, जिनमें “चेज़िंग ए मिराज: द ट्रैजिक इल्यूजन ऑफ ए इस्लामिक स्टेट” और “द ज्यू इज नॉट माई एनीमी: अनवीलिंग द मिथ्स द फ्यूल मुस्लिम एंटी” शामिल हैं। वे समलैंगिक लोगों के सामान अधिकारों और हितों के पक्षधर थे।

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक तारिक फतेह को श्रद्धांजलि दी गई है। ट्विटर पर एक संदेश में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि तारिक फतेह एक प्रख्यात विचारक, लेखक और टिप्पणीकार थे। मीडिया और साहित्य जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। वे पूरा जीवन अपने सिद्धांतों और विश्वास के लिए प्रतिबद्ध रहे और अपने साहत और दृढ़ विश्वास के लिए वे सम्मानित रहे।

ये भी देखें 

ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तानी मुसलमानों ने क्यों कहा- मोदी है तो मुमकिन है

Exit mobile version