राजीव कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जब 26 लोगों की हत्या की गई थी, तभी सरकार ने संकल्प लिया था कि इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। इसके बाद 15 दिन के भीतर, 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ऐसा हमला किया जिसने वैश्विक स्तर पर संदेश दिया कि भारत अब केवल सहनशील नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने वाला देश है।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तीन प्रकार की सीमाएं हैं: अंतर्राष्ट्रीय सीमा, लाइन ऑफ कंट्रोल और एजीपीएल (एक्चुअल ग्राउंड पोजिशन लाइन)। पाकिस्तान को यह भ्रम था कि भारत केवल एलओसी तक सीमित रहेगा। लेकिन, भारत ने उस सोच को पूरी तरह तोड़ दिया। भारतीय वायु सेना ने 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान के आठ एयरबेस को निशाना बनाकर तहस-नहस कर दिया, जो इस पूरे अभियान का दूसरा महत्वपूर्ण चरण था।
श्रीवास्तव ने कहा कि यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की बढ़ती क्षेत्रीय शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वह पुरानी मानसिकता जो भारत को कमजोर और निष्क्रिय मानती थी, अब समाप्त हो रही है।
पाकिस्तान के धोखेबाज इतिहास का हवाला देते हुए श्रीवास्तव ने शिवाजी महाराज की रणनीति की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिला, जो वह समझता है। उन्होंने कहा कि 12 मई को होने वाली संभावित बातचीत को भारत ने स्थगित कर दिया, क्योंकि ऑपरेशन अब भी कई इलाकों में जारी है। जब तक पाकिस्तान की सेना स्वयं वार्ता के लिए सामने नहीं आती और पीओके जैसे मुद्दों पर गंभीर नहीं होती, तब तक कोई संवाद नहीं होगा।
क्या किसी न्यूक्लियर स्टेट के भीतर कोई सेना सफलतापूर्वक हमला करके लौट सकती है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत ने 7 मई को और उसके बाद किए गए हमलों में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के मुख्य केंद्र जैसे सरगोडा और चकाला को नष्ट कर दिया।
उन्होंने इसे एक नव चेतना, नव जागरण करार देते हुए कहा कि यह भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है। अब भारत डरता नहीं, झुकता नहीं। अब एक गोली के बदले गोला चलता है। पाकिस्तान का घमंड अब टूट चुका है।
राजनीतिक नेतृत्व और कूटनीतिक रणनीति की तारीफ करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि आज भारत की राजनीतिक सोच ने पाकिस्तान की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। यह पूरा अभियान देश के स्वर्णिम इतिहास का हिस्सा बनेगा। भारत अब अपने गौरव, शक्ति और स्वाभिमान की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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