नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा को लेकर भारत के ब्राजील में राजदूत दिनेश भाटिया ने इसे ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण करार दिया है। उन्होंने बताया कि यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली राजकीय ब्राजील यात्रा थी, जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और पीएम मोदी के बीच गहरी बातचीत और सहयोग की नई संभावनाओं पर चर्चा हुई।
राजदूत भाटिया ने कहा, “दोनों नेताओं के बीच बेहतरीन केमिस्ट्री रही। कई ऐसे मुद्दे बातचीत के केंद्र में रहे जो पहले कभी गंभीरता से नहीं उठाए गए थे। इनमें व्यापार और निवेश, रक्षा सहयोग, कृषि, तेल-गैस, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे रणनीतिक विषय शामिल रहे।”
भाटिया ने बताया कि दोनों देशों के बीच छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो भारत और ब्राजील के द्विपक्षीय रिश्तों को और अधिक गहरा और प्रभावी बनाएंगे। उन्होंने कहा, “भारत और ब्राजील दोनों ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं और इस साझेदारी से दक्षिणी देशों के हितों को भी बल मिलेगा।”
इस दौरे के दौरान सुरक्षा पर भी बड़ा फोकस रहा। राजदूत भाटिया ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सूचना आदान-प्रदान संबंधी समझौता भी हुआ है, जो आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने की बात पर राजदूत भाटिया ने कहा, “व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए वीजा उदारीकरण बेहद जरूरी है। इससे व्यापारी और पर्यटक दोनों को लाभ होगा।” सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति लूला को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे लूला ने स्वीकार कर लिया है। भाटिया ने कहा कि जल्द ही राष्ट्रपति लूला की भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा की जाएगी।
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